Hindi, asked by awasthidevanshs123, 6 months ago

अर्थ लिखिए ?
Class = Xth
section = pta nhi

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Answered by TħeRøмαи
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"उदित उदय गिरि मंच पर ,रघुवर बाल पतंग । 6. बिकसे संत सरोज सब,हरषे लोचन भृंग ॥

दोहे का भावार्थ- राजा जनक के यहां सीता के स्वयंवर में भगवान सदाशिव का धनुष तोड़ने के लिए श्रीराम

अपने गुरु की आज्ञा से ज्यों ही मंच पर पहुंचे तो उनके स्वरूप का बखान तुलसीदास ने बाल पतंग के रूप में कर दिया है। तुलसीदास जी कहते हैं कि जब सूर्य उदय होता है तब उसकी रोशनी बहुत तेज नहीं होती अतः वह चकाचौंध नहीं करता। उस सूर्य को हम आसानी से देख सकते हैं लेकिन जब वही सूर्य अपनी पूर्ण अवस्था में आ जाता है अर्थात दिन के बारह बजे उसे देखना बड़ा ही कठिन हो जाता है। उसी प्रकार श्री राम भी बाल सूर्य के समान हैं। जबकि परशुराम जिनका वह धनुष था, वो दोपहर के तीव्र सूर्य की भांति हैं। इस कारण श्री राम के सौंदर्य के तेज को हम सहन कर पा रहे हैं परंतु परशुराम के तेज को सहन नहीं कर पा रहे। हमारी आँखे चुंधियां रही हैं।

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