Hindi, asked by sanghayater20, 3 months ago

अर्थ परिवर्तन के निष्कर्ष बताइए​

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Answered by Anonymous
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Answer:

अर्थ में सदा परिवर्तन होता रहता है। ध्वनि या पद के परिवर्तन की प्रकिया के समान अर्थ भी स्थायी और अपरिवर्तनीय वस्तु नहीं है। उसमें भी परिवर्तन होता रहता है। उदाहरण के लिए संसकृत का शब्द आकाशवानी लें । संसकृत में इसका अर्थ 'देववाणी' है। तुलसी के समय भी यही अर्थ था। अत: रामचरितमानस में कहा गया है-' भै अकासबानी तेहि काला'। अब आकाशवाणी का अर्थ परिवर्तन होकर (हिन्दी मेंं) आँल इणि्डया रेडियो हो गया है। अत: अर्थ में परिवर्तन हो जाना ही अर्थ-परिवर्तन है।

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