अर्ध विक्षेपन विधि के द्वारा गैल्वेनोमीटर का प्रतिरोध ज्ञात करें तथा उसका फिगर ऑफ मेरिट ज्ञात करें
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Answer:
(द) विद्युत धारा की दिशा ज्ञात ... Ig तथा धारामापी का प्रतिरोध G है। ... उसके निकट बिन्दुओं पर ...
The number of times a particular observation occurs in a given data is called its frequency... the difference between the lowest and the highest observation in a given data is called its range
Explanation:
It is defined as the current which produces a deflection of one scale division in the galvanometer and is given by,
G=I/θ =
K = Torsion constant
θ = deflection angle
N = Total no. of turns in coil
B = Magnetic field
A = Area of coil.
अर्ध-विक्षेप विधि द्वारा गैलवनोमीटर का प्रतिरोध G ज्ञात करने के लिए आवश्यक परिपथ व्यवस्था जब परिपथ में कोई प्रतिरोध R लगाया जाता है तो परिषथ में प्रवाहित विद्युत धारा, का मान इस प्रकार व्यक्त किया जाता है
- equation (1)
इस प्रकरण में कुंजी K½ को खुला रखा जाता है। यहाँ E बैटरी की emf है तथा G गैलवनोमीटर का वह प्रतिरोध है जिसका मान ज्ञात करना है। यदि विद्युत धारा Ig के कारण गैलवनोमीटर में उत्पन्न विक्षेप θ है, तो
= Kθ - equation (2)
समीकरण 1 तथा 2 की तुलना करने पर,
= Kθ - equation (3)
दोनों कुंजियों K1तथा K2, को बंद करने तथा शंट प्रतिरोध S को समायोजित करने पर गैलवनोमीटर की सुई का विक्षेप (आधा) किया जाता है। चूँकि G तथा S पार्श्व संयोजन में तथा R इनके श्रेणी क्रम में है, परिपथ का कुल प्रतिरोध,
- equation (4)
परिषथ में विद्युत बल E के कारण कुल प्रवाहित धारा है
- equation (5)
यदि G प्रतिरोध के गैलवनोमीटर से प्रवाहित धारा I'g है तो
= - equation (6)
- equation (7)
समीकरण (Equation 5) से I का मान समीकरण (Equation 6) में प्रतिस्थापित करने पर विद्युत धारा I'g का मान,
[tex]I'_{g} = \frac{IS}{G+S}\\ = \frac{E}{R+\frac{GS}{G+S} } . \frac{S}{G+S}\\ I'_{s} = \frac{ES}{R(G+S)+GS} [/tex]
यदि धारा I's प्रवाहित करने पर गैलवनोमीटर की सुई का विक्षेप घटकर आरंभिक मान का आधा θ/2 रह जाता है, तो,
I’g = k( θ/2) = - equation (8)
समीकरण ((Equation2) को समीकरण ( (Equation8) से विभाजित करने पर,
×
[tex]R(G+S)+GS = 2R(R+G)\\ RG = RS +GS\\ G(R-S) = RS\\ G = \frac{RS}{R-S} [/tex]
R तथा S के मान ज्ञात करके गैलवनोमीटर का प्रतिरोध G ज्ञात किया जा सकता है। सामान्यतः प्रतिरेध S (~ 1002) की तुलना में R का अति उच्च मान S (~102) चयन किया जाता है जिसके लिए
G = S