अर्धसूत्री विभाजन का क्या महत्व है
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अर्धसूत्रण का विहंगावलोकन (overview)
अर्धसूत्रण (Meiosis) एक विशेष प्रकार का है जो यूकैरिओट प्राणियों (eukaryotes) में लैंगिग जनन के लिये आवश्यक है। अर्धसूत्रण द्वारा युग्मक (gametes or spores) कोशिकाएँ पैदा होतीं हैं। सभी जन्तुओं तथा भूमि पर उगने वाले पौधों सहित अधिकांश जीवधारियों में युग्मकों को अण्ड कोशिका तथा शुक्राणु कोशिका कहते हैं।
यद्यपि अर्धसूत्री कोशिका विभाजन की प्रक्रिया और समसूत्री कोशिका विभाजन की प्रक्रिया में बहुत कुछ समानताएँ हैं, किन्तु अर्धसूत्री विभाजन, समसूत्री विभाजन से दो महत्वपूर्ण पक्षों में अलग है-
अर्धसूत्रण में गुणसूत्रों का पुनर्संयोजन (recombination) होता है और इस प्रक्रिया में जीनों (genes) का पुनर्वितरण (resuffle) हो जाता है। इससे प्रत्येक युग्मक (गैमीट) में नया जीन संचय (combination) का उत्पन्न होता है।
अर्धसूत्रण के परिनामस्वरूप चार अनुगुणित कोशिकाएँ बनती हैं जो जीन की दृष्टि से अनन्य (haploid) होती हैं।