History, asked by shraddhasaxena0026, 7 months ago

अरब लोग किसमें बटे हुए थे​

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Answered by dhruv8257
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Answered by abhilashasaini092
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Answer:

हैदराबाद के रहने वाले सैयद इमरान ने सऊदी अरब में भारतीय दूतावास के उस ट्वीट के जवाब में ये अपील की है, जिसमें दूतावास ने इस सप्ताह विदेश में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में फंसे प्रवासी भारतीयों को भारत लाने का काम शुरू होने की बात की है.

पहले हफ़्ते में लगभग 15 हज़ार लोगों को भारत लाया जाएगा. सऊदी अरब से एयर इंडिया की पांच उड़ानों में वहां फंसे भारतीयों को लाने का काम आठ मई से शुरू होगा.

दूसरे कई और ट्वीट्स से सऊदी अरब में फंसे प्रवासी भारतीयों की दशा का अंदाज़ा होता है. ख़ास तौर से उन लोगों की दशा, जो वहां मज़दूरी करने गए थे और लॉकडाउन के कारण अब अपनी नौकरी गँवा बैठे हैं.

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तनवीर नाम के एक व्यक्ति ने दूतावास को ट्वीट कर कहा, "मैं आपको बताना चाहता हूं कि कुछ मज़दूरों ने नौकरियां खो दी हैं, वो अपने कमरों में बैठे हैं. उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है. अब आप उन्हें घर जाने के लिए मौक़ा तो दे रहे हैं लेकिन वो इसके लिए टिकट कैसे खरीद सकते हैं? टिकट बहुत महंगा है. कृपया इसके बारे में विचार करें."

छोड़िए Twitter पोस्ट, 2

पोस्ट Twitter समाप्त, 2

कई मज़दूरों की नौकरियां गईं

बिहार में गया ज़िले के मोहम्मद तनवीर अख़्तर सऊदी अरब में 1997 से एक ट्रैवल एजेंसी में अकाउंटेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्होंने मदीना से फ़ोन पर बताया कि इस महीने की पूरी तनख़्वाह उन्हें मिल गई है लेकिन उनकी कंपनी में सब उनकी तरह खुशक़िस्मत नहीं हैं.

उन्होंने कहा, "मुझे मेरा पूरा वेतन मिल गया है. कंपनी में कुछ लोगों को आधा मिला है और कुछ को बाद में मिलेगा."

सोमवार को सऊदी मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय ने कोरोना महामारी से प्रभावित निजी कंपनियों को इस बात की इजाज़त दी थी कि वो अगले छह महीने तक के लिए अपने कर्मचारियों के वेतन में 40 प्रतिशत तक की कटौती कर सकते हैं.

महामारी के असर को देखते हुए छह महीने के बाद कर्मचारियों की नौकरियां ख़त्म करने की अनुमति भी कंपनियों को दी गई थी.

आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होते ही निर्णय प्रभावी हो जाता है और इससे ये सुनिश्चित हो जाता है कर्मचारी को उसका वेतन मिलेगा, हालांकि कम मिलेगा. यहां किसी कर्मचारी को छह महीने के भीतर नौकरी से नहीं निकाला जा सकता.

सऊदी अरब के शहर जेद्दा और राजधानी रियाद में दो अलग-अलग प्रवासी भारतीयों ने बताया कि इस महीने उन्हें 30 प्रतिशत कम वेतन मिला है.

जेद्दा में रहने वाले शख़्स वहां के एक सरकारी अस्पताल के स्टोर में मैनेजर हैं. उन्होंने बताया कि मज़दूर तबके में कई लोगों की नौकरियां चली गई हैं और उनकी देखभाल फ़िलहाल कंपनियां कर रही हैं.

दूसरी तरफ़ रियाद में रह रहे जिस भारतीय से हमारी बात हुई उनके अनुसार कई मज़दूर ऐसे हैं जो भारत लौटना चाहते हैं लेकिन उनके पास टिकट के पैसे नहीं हैं.

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सऊदी अरब

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