Hindi, asked by rathouraman2697, 8 months ago

अरस्तू के न्याय सम्बन्धी विचारों से आप क्या समझते हैं? वर्णन कीजिए

Answers

Answered by smrajput1799
1

Answer:

Vahe samanata ko sarvshreshth manta th and vo samanata ke adhikar ke pakshi me th

Answered by pratyush15899
11

उत्तर:

अरस्तु की मान्यता है कि न्याय का सम्बन्ध मानवीय सम्बन्धों के नियमन से है। उसके अनुसार न्याय में वह सब शामिल है जो उचित और विधिक है, जो समान एवं औचित्यपूर्ण वितरण में आस्था रखता है, जो इस बात पर बल देता है कि जो कुछ अन्यायपूर्ण है, उसमें वांछित सुधार की सम्भावना है। अरस्तू ने न्याय के दो रूप बताए-

1.वितरणात्मक व राजनीतिक न्याय

1.वितरणात्मक व राजनीतिक न्याय 2.सुधारात्मक न्याय।

अरस्तू ने सोदाहरण स्पष्ट किया है कि वितरण व्यवस्था के अन्तर्गत पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान, धन-सम्पत्ति आदि का वितरण योग्यता के आधार पर होना चाहिए।

लाभ और उत्तरदायित्व व्यक्ति की क्षमता और सामर्थ्य के अनुपात में वितरित किया जाना चाहिये।

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