Hindi, asked by rohan6855, 2 months ago

अस्पतालों से निकले अपशिष्ट हानियाँ ​

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Answered by asp1672001
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Explanation:

अस्पताल में भर्ती हर रोगी से प्रतिदिन औसतन डेढ़ किलोग्राम कचरा निकलता है। अस्पताल से निकलने वाले कुल कचरे में से 47 प्रतिशत जीव-चिकित्सा सम्बन्धी होता है। यह खतरनाक होता है क्योंकि इसमें रोग फैलाने वाले कीटाणु होते हैं। मनुष्यों और पशुओं के अवशेष, खून और मानव शरीर के द्रव से तर-बतर अन्य सामग्री, रद्दी चिकित्सा उपकरण, दूषित रुई, प्लास्टर, ड्रेसिंग एवं शल्य-चिकित्सा और शव परीक्षा का कचरा स्वास्थ्य के लिए गम्भीर खतरा हो सकता है क्योंकि ये वस्तुएँ जीवाणु, वायरस और अन्य सूक्ष्म जीवों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण पेश करती हैं। रोगों को जन्म देने वाले एसचेरीचिया, सेलमोनीला, विबरियो हेपेटाइटिस के कीटाणु तब तक सक्रिय रहते हैं जब तक उन्हें जलाकर नष्ट नहीं कर दिया जाता। इन रोगों के कीटाणु विभिन्न एजेंटों के जरिए दूर-दूर तक ले जाए जा सकते हैं। शल्य चिकित्सा और शव परीक्षा का कचरा, अगर वह अनुपचारित है तो बहुत संक्रामक होता है।

अस्पतालों के कूड़े-करकट को सही तरीके से ठिकाने न लगाने के कारण अनेक बीमारियाँ हो सकती हैं। इनमें से अधिकांश घातक है जैसे कि एड्स, वायरल हेपेटाइटिस, क्षय रोग, श्वासनली शोथ (ब्रांकाइटिस), आमाशय और आँतों की सूजन और त्वचा और आँखों से सम्बन्धित रोग

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