असमान भिन्न को सामान भिन्न में प्रेरित करें
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अपने पाठों का नियोजन और उनकी तैयारी क्यों महत्वपूर्ण है
अच्छे शिक्षण की योजना बनानी होती है। नियोजन आपके अध्यायों को स्पष्ट और समयबद्ध बनाने में मदद करता है, जिसका अर्थ यह है कि आपके छात्र सक्रिय रहते हैं और रूचि लेते हैं। योजना को प्रभावी बनाने की प्रक्रिया को लचीला रखना होता है ताकि अध्यापक पढ़ाते समय अपने छात्रों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर शिक्षण–प्रक्रिया में बदलाव कर सकें। कई अध्यायों की योजना पर काम करने के लिए छात्रों और उनके पूर्व–ज्ञान को जानना, पाठ्यक्रम में आगे बढ़ने का अर्थ को जानना और छात्रों को सीखने में मदद करने के लिए सर्वोत्तम संसाधनों और गतिविधियों की खोज करना महत्त्वपूर्ण होता है।
नियोजन एक सतत प्रक्रिया है जो आपको अलग–अलग अध्यायों और साथ ही क्रमबद्ध रूप से कई अध्यायों, दोनों की तैयारी करने में मदद करती है। अध्याय के नियोजन के चरण निम्नवत हैं:
अपने छात्रों की प्रगति के लिए आवश्यक बातों के बारे में स्पष्ट रहना।
तय करना कि आप कौन से ऐसे तरीके से पढ़ाने जा रहे हैं जिसे छात्र समझेंगे और आप जो देखेंगे, उसपर आप किस प्रकार प्रतिक्रिया देंगे।
पुनरावलोकन करना और देखना कि अध्याय कितनी अच्छी तरह से चला और आपके छात्रों ने क्या सीखा ताकि भविष्य के लिए योजना बना सकें।
तथा
असमान हरों वाली भिन्न असमान भिन्न कहलाती है।
भिन्नों की तुलना उनको समान भिन्नों में परिवर्तित करके (या बदल कर) की जा सकती है और फिर उन्हें आरोही या अवरोही क्रम में व्यवस्थित किया जा सकता है।
5/6,4/18,7/12,11/20
LCM of denominators 6, 18, 12 and 20 is 180
Hence
(5/6) = (5/6) × (30/30) = (150/180) (4/18) = (4/18) × (10/10) = (40/180)
(7/12) = (7/12) × (15/15) = (105/180)
(11/20) = (11/20) × (9/9) = (99/180)
That is (40/180) < (99/180) < (105/180) < (150/180)
Thus (4/18) < (11/20) < (7/12) < (5/6)
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