असर्फी की लूट और कोयले पर छाप का मुहावरा
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" अशर्फी की लूट और कोयले पर छाप " यह एक हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है मूल्यवान वस्तुओं को नष्ट करना और तुच्छ को सँजोना : अर्थात लोग हमेशा उस चीज़ को फेक देते है या नष्ट कर देते जो बहोत मूल्यवान होती है या जरुरी होती है , और बेकार या तुच्छ सामान संभल कर रखते है जिनकी उनको कोई जरुरत नही होती है |
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