अशुध्दियों के विभिन्न भेदों को उदाहरण सहित लिखिए
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शब्दों की अशुद्धियाँ : जब हम हिंदी भाषा को बोलते या लिखते हैं तो हम बहुत सी गलतियाँ कर देते हैं।
इसका क्या कारण है?
ऐसा क्यों होता है?
और इन अशुद्धियों/ गलतियों को हम कैसे सुधार सकते हैं? यहाँ हम इसी के बारे में जानेंगे कि हम किस तरह अशुद्धियों को कम कर सकते हैं?
सबसे पहले हम जानेंगे कि शब्दों की अशुद्धियाँ होती क्या हैं?-
शब्दों की अशुद्धियाँ - जब विद्यार्थियों को व्याकरण के सामान्य नियमों की जानकारी नहीं होती तो विद्यार्थियों से बोलने और लिखने में प्रायः कई गलतियाँ हो जाया करती हैं। शुद्ध भाषा के प्रयोग के लिए वर्णों के शुद्ध उच्चारण, शब्दों के शुद्ध रूप और वाक्यों के शुद्ध रूप जानना बहुत आवश्यक है।
विद्यार्थी से प्रायः दो तरह की गलतियाँ होती हैं-
शब्द-संबंधी
वाक्य-संबंधी
इस लेख में हम शब्द संबंधी अशुद्धियों के बारे में जानेंगे। शब्द-संबंधी अशुद्धियाँ दूर करने के लिए छात्रों को श्रुतिलिपि अर्थात बोल कर बार-बार अभ्यास करना चाहिए।
हिन्दी लेखन में आम तौर पर कई गलतियाँ देखी जा सकती हैं। इनमें से कई गलतियाँ तो इतनी प्रचलित हो जाती हैं कि अधिकाँश विद्यार्थी भूलवश उन्हें सही समझ लेते हैं।
कई लोग 'श' तथा 'ष' का उच्चारण भी 'स' की तरह ही करते हैं जैसे 'इंगलिश' को 'इंगलिस' बोलना, 'षडयन्त्र' को 'सडयन्त्र' बोलना आदि। कुछ लोग कुछ शब्दों में आने वाले आधे अक्षरों (हलन्त युक्त) का पूरे अक्षरों की तरह उच्चारण करते हैं। उदाहरण के लिये 'प्रश्न' का उच्चारण 'प्रशन' की तरह, 'महत्व' का उच्चारण 'महतव' की तरह, 'प्रयत्न' का उच्चारण 'प्रयतन' की तरह आदि।
शब्द-संबंधी अशुद्धियाँ भाषा की सुन्दरता को खराब करती है। इसलिए इस लेख में हिन्दी में की जाने वाली सामान्य गलतियों के बारे में बताया गया है।
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