अष्टादश पुराणेषु व्यासस्य वचनद्वयम्।
परोपकारः पुण्याय,
पापाय परपीडनम्॥ translate in hindi please answer fast
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अष्टादश-पुराणेषु व्यासस्य वचनद्वयम्।
परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम्।।1।।
भावार्थ — महर्षि वेदव्यास में अष्टादश पुराण में दो महत्वपूर्ण बातें कही हैं। पहली बात .ये कि परोपकार करना अर्थात दूसरों के काम आना और उसकी सहायता करना इस संसार का सबसे बड़ा पुण्य होता है। दूसरी बात ये कि दूसरों को दुःख देना, किसी का दिल दुखाने से बढ़कर कोई और पाप इस संसार में नही है।
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अष्टादश-पुराणेषु व्यासस्य वचनद्वयम्। परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम्॥ ॥1॥ सुखार्थिनः कुतो विद्या, विद्यार्थिनः कुतः सुखम्। सुखार्थी वा त्यजेत् विद्या, विद्यार्थी वा त्यजेत् सुखम्॥
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