अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण बताओ?
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अतिशयोक्ति अलंकार की
परिभाषा उदाहरण सहित
अतिशयोक्ति अलंकार
जहां किसी वस्तु , पदार्थ अथवा काव्य का वर्णन बढ़ा चढ़ाकर किया जाए वहां अतिशयोक्ति अलंकार होता है ।
जैसे
◾देखि सुदामा की दीन दशा , करुणा करके करुणानिधि रोए ।
पानी परात को हाथ छुयो नहीं ,। नैनन के जल सों पग धोए ।
इस पंक्तियों में पानी के बजाय आंसू से ही बंद होने की बात कही गई है । व्यक्ति व्यक्ति चाहे कितना भी रोए किंतु आंसुओं से पांव धोना संभव नहीं है । अतः यहां अतिशयोक्ति अलंकार है ।
कुछ अन्य उदाहरण
▪️हनुमान जी की पूंछ में , लगन ना पाई आग ,
लंका सगरी जल गई , गए निशाचर भाग ।
▪️आगे नदिया पड़ी अपार , घोड़ा कैसे उतरे पार । राणा ने सोचा इस बार , तब तक चेतक था उस पार ।
▪️देख लो साकेत नगरी है यही ।
स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही ।
▪️बाण नहीं पहुंचे शरीर तक ,
शत्रु गिरे पहले ही भूकर ।
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