अतीत का मानव आज यदि किसी तरह पुनर्जीवित होकर क़ब्र से उठ खड़ा हो तो उसे यह विश्वास नहीं होगा कि यह वही धरती है जिस पर उसने जन्म लिया था। जिस धरती पर जीवन यात्रा करते हुए अनेक कष्ट सहे। धूप, वर्षा, शीत, अंधकार, अशिक्षा तथा रूगणता में कोल्हू के बैल की तरह ज़िन्दगी की गाड़ी को धकेलता रहा और जाते- जाते पाँव में फफोले पड़ जाते थे। उसी धरती पर आज का मानव कितनी आराम की ज़िन्दगी जी रहा है। इन साधनो को देखकर वह ईर्ष्या से जल ऊठेगा।
वास्तव में आविष्कारों ने मानव जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन कर दिया है। वैज्ञानिक आविष्कारों ने जल, थल और नभ के अनेक रहस्यों को खोलकर प्रकृति की सफल सम्पदा को, मानव जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए सुलभ कर दिया है। विज्ञान ही आज के
मानव के लिए कल्पवृक्ष, कामधेनु अथवा पारसमणि है जिसने उसकी समस्त इच्छाओं को पूर्ण कर दिया है। आज वह पूरी तरह वैज्ञानिक साधनो पर निर्भर हो गया है। उसका हर कदम और हर एक सांस बिना इन साधनो के नहीं चलती। भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन, यातायात तथा अन्य आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वह पूरी तरह वैज्ञानिक उपलब्धियों का दास बन गया है।
क) अतीत के मानव को किस बात पर विश्वास नहीं होगा ?
ख) पहले और आज के मानव के जीवन में क्या - क्या परिवर्तन आ गए है ?
ग) वैज्ञानिक आविष्कारों ने क्या करके दिखा दिया है ?
घ) आधुनिक विज्ञान को कल्पवृक्ष, कामधेनु अथवा पारसमणि क्यों कहा गया है ?
ड) आज के मनुष्य को विज्ञान का दास क्यों कहा गया है।
Answers
दिए गए गद्य में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर नीचे दिए गए हैं।
क) अतीत के मानव को इस बात पर विश्वास नहीं होगा कि यह वही धरती है जिस पर उसने जन्म लिया था।
ख) पहले और आज के मानव के जीवन में यह परिवर्तन है कि पहले का मानव धूप , बरसात ,सर्दी सब सहकर कोल्हू के बैल की तरह जिंदगी को धकेलता रहा परन्तु आज का मानव आराम की जिंदगी जी रहा है।
ग) वैज्ञानिक आविष्कारों ने जल,थल तथा नभ के अनेक रहस्यों को खोलकर प्रकृति की सफल सम्पदा को, मानव जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए सुलभ कर दिया है।
घ) आधुनिक विज्ञान को कल्पवृक्ष, कामधेनु अथवा पारसमणि कहा गया है क्योंकि आधुनिक विज्ञान ने उसकी समस्त इच्छाओं को पूर्ण कर दिया है। आज वह पूरी तरह वैज्ञानिक साधनो पर निर्भर हो गया है।
ड) आज का मनुष्य विज्ञान का दास बन गया है क्योंकि वह पूरी तरह वैज्ञानिक साधनो पर निर्भर हो गया है। उसका हर कदम और हर एक सांस बिना इन साधनो के नहीं चलती।