Hindi, asked by marlogameh14, 4 months ago

अतिथि संदेव देवता नहीं होता इससे क्या अर्थ निकलता है​

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Answered by TanyaDhurwey6
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Answer:

एक कहावत है, “अतिथि देवो भव”। इसका मतलब होता है कि अतिथि देवता के समान होता है। लेकिन जब लेखक के अतिथि ने तीसरे दिन कपड़े धुलवाने के बहाने यह इशारा कर दिया कि वह अभी और दिन रुकेगा तो लेखक की समझ में आया कि अतिथि हमेशा देवता नहीं होता।

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