अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो
सकता है।
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अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है। उत्तर: एक कहावत है, “अतिथि देवो भव”। इसका मतलब होता है कि अतिथि देवता के समान होता है। ... लेखक को लगने लगा कि अतिथि एक मानव होता है जिसमें राक्षस की प्रवृत्ति भी दिखाई देती है l
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अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है। उत्तर: एक कहावत है, “अतिथि देवो भव”। इसका मतलब होता है कि अतिथि देवता के समान होता है। ... लेखक को लगने लगा कि अतिथि एक मानव होता है जिसमें राक्षस की प्रवृत्ति भी दिखाई देती है l
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