Hindi, asked by hgulzah7874, 1 year ago

अतिथि देवो भव उक्ति की व्याख्या करे तथा आधुनिकयुग के संदर्भ मे इसका आकलन करे। mam plz answer it.before 19 nov.2011

Answers

Answered by VIKAS2288
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"अतिथि देवो भव" उक्ति का अर्थ है कि अतिथि देवता के समान होता है। यह उक्ति पहले समय में कभी ठीक रही होगी। आधुनिक युग में यह उक्ति उचित प्रतीत नहीं होती। आज लोगों के पास अपने लिए ही समय नहीं है। वे अतिथियों के स्वागत-सत्कार के लिए समय कैसे निकाले? आज के लोग कमाने, व्यापार बढ़ाने, कैरियर बनाने, पढ़ने-पढ़ाने में अधिक ध्यान देने लगे हैं। अर्थात स्वयं का स्वार्थ सिद्ध करने मे व्यस्त हैं। इसलिए आजकल अतिथि के आने पर उनकी खुशी बढ़ने की अपेक्षा कम होती है।
Answered by bhatiamona
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अतिथि देवो भव उक्ति की व्याख्या करे तथा आधुनिकयुग के संदर्भ मे इसका आकलन करे।

अतिथि देवो भव : अतिथि देवो भवः का अर्थ होता जब भी हमारे घर या देश में कोई बहार से आता हमें उसका सम्मान और आदर करना चाहिए | अतिथि को हम मेहमान कहते है , और मेहमान भगवान के समान होता है | हमें मेहमानों के साथ अच्छे से व्यवहार करना चाहिए और उनकी सहायता करनी चाहिए |

यह हमारे संस्कार बताते है की सब की इज्ज़त ,आदर-सत्कार , और विनम्रता से पेश आना चाहिए |  अतिथि हमेशा अपना समझ कर ही घर आते है , इसलिए हमें उनका सम्मान करना चाहिए | जितने दिन वह रहना चाहे उनकी देखभाल करनी चाहिए | किसी भी समय सब को किसी ना किस की जरूरत पड़ती है | आज यह हमारे घर आए है कल हमें भी जाना पड़ सकता है |

अतिथि को हमें  खान पान का ध्यान रखना चाहिए  और उनके रहने की उचित व्यवस्था करनी चाहिए । भारतीय संस्कृति में अतिथि का दर्जा पूजनीय है और वह देवों के समान है।

ऐसा मानने यह कारण है इंसानियत ,नैतिकता , हमारे संस्कार हमें यह सिखाते है की सब का आदर और सम्मान करना चाहिए |

आधुनिकयुग के संदर्भ मे इसका आकलन: बात आज के आधुनिक युग की करें तो सब कुछ बदल गया | आज के समय में अपनों के लिए किसी के पास समय नहीं है |

आज के समय में घर में कोई भी अतिथि घर आ जाए तो हमें बहुत बड़ी चिन्ता की बात हो जाती है | हमें सब से पहले सोचने लगते है , यह क्यों आ रहे है: पता नहीं कितने दिनों तक आएंगे ? इतना खाना कोन बनाएगा? ऑफिस से छुट्टी लेनी पड़ेगी ? हमारे दिमाग इतनी सारी बाते आ जाती है और जब घर पर आ जाए तो हम उनसे अच्छे से बात नहीं करते यही सोचते रहते है की जल्दी चले जाए |

आज के समय में सब अपने में व्यस्त रहते है , अकेले में समय व्यतीत करना चाहते है| अब कोई रिश्तेदारी निभाना नहीं चाहता है और सब दूर भागते है|

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