Hindi, asked by pawansahu0761024, 4 months ago

अथवा कवि वीरेंद्र मिश्रा ने सूरज के रथ को धीमा-धीमा क्यों बताया है।​

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Answered by Anonymous
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प्रसंग : प्रस्तुत पद्यांश में वर्षा ऋतु के बादलों से मुस्कराते हुए वर्षा करने के लिए आने का आग्रह किया गया है। कवि बादलों को आमन्त्रित करते हुए कहते हैं कि हे बादलो ! ... पुरवाई हवा के तेज झोंकों से बादल इतनी तीव्र गति से उड़ रहे हैं तथा सूर्य को ढक रहे हैं तो ऐसा लगता है कि सूर्य के रथ की गति धीमी हो गयी है।

Answered by Salmonpanna2022
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Answer:

प्रसंग : प्रस्तुत पद्यांश में वर्षा ऋतु के बादलों से मुस्कराते हुए वर्षा करने के लिए आने का आग्रह किया गया है। कवि बादलों को आमन्त्रित करते हुए कहते हैं कि हे बादलो ! ... पुरवाई हवा के तेज झोंकों से बादल इतनी तीव्र गति से उड़ रहे हैं तथा सूर्य को ढक रहे हैं तो ऐसा लगता है कि सूर्य के रथ की गति धीमी हो गयी है।

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