अथवा 'पाठ्य मुक्तक काव्य' से क्या आशय हैं ?उदाहरण सहित लिखिए
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मुक्तक काव्य- मुक्तक काव्य ऐसी रचना को कहते हैं जिसमें कथा नहीं होती तथा जिसके छंद अर्थ की दृष्टि से पूर्वापर के प्रसंगों से मुक्त होते हैं। जैसे- मधुशाला, बिहारी सतसई। मुक्तक काव्य में प्रत्येक छंद अपने आप में स्वतंत्र और पूर्ण रहता है। छंदों या गीतों का क्रम बदल देने पर भाव स्पष्ट करने में असुविधा नहीं होती।
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अथवा 'पाठ्य मुक्तक काव्य' से क्या आशय हैं ?उदाहरण सहित लिखिए :
पाठ्य मुक्तक काव्य से आशय ऐसी काव्य रचना से होता है, जिसमें भावों की अपेक्षा विचारों की प्रधानता अधिक होती है। ऐसा काव्य जो किसी भाव या अनुभूति की अधिकता से भरा होता है, वह मुक्तक काव्य है।
व्याख्या :
- मुक्तक काव्य श्रंगार परक, नीति परक या भक्ति परक कोई भी हो सकता है। तुलसी, कबीर, रहीम, बिहारी आदि के दोहे पाठ्य मुक्तक काव्य की श्रेणी में ही आते हैं।
- मुक्तक काव्य में हर पंक्ति का अपना महत्व और स्वतंत्र अर्थ होता है।
- उदाहरण के लिए गोस्वामी तुलसीदास की दोहावली, राम रहीम और कवि वृंद के दोहे आदि पाठ्य मुक्तक काव्य का उदाहरण है।
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