Hindi, asked by hatilabhagelsingh, 2 months ago

अथवा
सूफी मत के मुख्य धार्मिक विश्वासों और आचारों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए ।
प्रष्न 19. विजयनगर शासको ने वर्षा जल संचय के लिए क्या कार्य किए
अथवा
आपके विचार में 'महानवमी डिब्बा' से सम्बद्ध अनुष्ठानों का क्या महत्व या ?
प्रष्न 20. विद्रोहियों के बीच एकता स्थापित करने के लिए क्या तरीके अपनाए गए ?
अथवा
अग्रेजो ने विद्रोह को कुचलने के लिए क्या कदम उठाए ?
प्रष्न 21. उद्देश्य प्रस्ताव में किन आदशों पर जोर दिया गया था?
अथवा
महात्मा गाँधी को ऐमा क्यों लगता था, कि हिन्दुस्तानी राष्ट्रीय भाषा होनी चाहिए
प्रष्न 22. सांची के स्तूप के सरक्षण में भोपाल की बेगमों की भूमिका की चर्चा कीजिए।
अथया
क्यों और कैसे बनाए जाते थे?
प्रष्न 23. अलवार, नयनार और वीरशैवों ने किस प्रकार जाति प्रथा की आलोचना प्रस्तुत की ?
अथवा
बाबा गुरू नानक के मुख्य उपदेषों का वर्णन कीजिए ? इन उपदेषों का किस तरह संप्रेषण हुआ।
प्रष्न 24 मुगल बादशाहों द्वारा इतिवृत क्यों तैयार करवाए जाते थे ?
अथवा
मुगल प्रातीय प्रशासन की मुख्य विशेषताएं लिखिए। यह भी स्पष्ट कीजिए कि केंद्र किस तरह प्रातो पर नियंत्रण
प्रन 25 असहयोग आंदोलन एक तरह का प्रतिरोध कैसे था ? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
अथवा​

Answers

Answered by ranveerchoudhary01
2

Answer:

प्रस्तुत कववता “ वीर” क्जसके कवव का नाम रामधार लसंह ददनकर है, वह एक ओजस्वी वीर रस

प्रधान कववताओं के रिनाकार है। उन्होंने इस कववता में उद्र्मी पुरुषों की व्र्ाख्र्ा करते हुए कहा है

कक वीर पुरुष वह होते हैंजो अपने ननरंतर प्रर्ास से असंभव कार्य को भी संभव कर देते हैं। पत्र्र

जो ठोस रूप है और क्जस में पानी का समावेश नगण्र् है, वैसे जगह से भी वीर पुरुष उद्र्म करके

पानी अर्ायत वह तत्व जो उसमें ननदहत नह ं है ,उसको भी िाहर ननकाल सकते । तात्पर्य र्ह है कक

ककतना भी दष्ुकर कार्य हो उसको वह साध्र् कर लेते हैं।

Explanation:

प्रस्तुत कववता “ वीर” क्जसके कवव का नाम रामधार लसंह ददनकर है, वह एक ओजस्वी वीर रस

प्रधान कववताओं के रिनाकार है। उन्होंने इस कववता में उद्र्मी पुरुषों की व्र्ाख्र्ा करते हुए कहा है

कक वीर पुरुष वह होते हैंजो अपने ननरंतर प्रर्ास से असंभव कार्य को भी संभव कर देते हैं। पत्र्र

जो ठोस रूप है और क्जस में पानी का समावेश नगण्र् है, वैसे जगह से भी वीर पुरुष उद्र्म करके

पानी अर्ायत वह तत्व जो उसमें ननदहत नह ं है ,उसको भी िाहर ननकाल सकते । तात्पर्य र्ह है कक

ककतना भी दष्ुकर कार्य हो उसको वह साध्र् कर लेते हैं।

प्रस्तुत कववता “ वीर” क्जसके कवव का नाम रामधार लसंह ददनकर है, वह एक ओजस्वी वीर रस

प्रधान कववताओं के रिनाकार है। उन्होंने इस कववता में उद्र्मी पुरुषों की व्र्ाख्र्ा करते हुए कहा है

कक वीर पुरुष वह होते हैंजो अपने ननरंतर प्रर्ास से असंभव कार्य को भी संभव कर देते हैं। पत्र्र

जो ठोस रूप है और क्जस में पानी का समावेश नगण्र् है, वैसे जगह से भी वीर पुरुष उद्र्म करके

पानी अर्ायत वह तत्व जो उसमें ननदहत नह ं है ,उसको भी िाहर ननकाल सकते । तात्पर्य र्ह है कक

ककतना भी दष्ुकर कार्य हो उसको वह साध्र् कर लेते हैं।

प्रस्तुत कववता “ वीर” क्जसके कवव का नाम रामधार लसंह ददनकर है, वह एक ओजस्वी वीर रस

प्रधान कववताओं के रिनाकार है। उन्होंने इस कववता में उद्र्मी पुरुषों की व्र्ाख्र्ा करते हुए कहा है

कक वीर पुरुष वह होते हैंजो अपने ननरंतर प्रर्ास से असंभव कार्य को भी संभव कर देते हैं। पत्र्र

जो ठोस रूप है और क्जस में पानी का समावेश नगण्र् है, वैसे जगह से भी वीर पुरुष उद्र्म करके

पानी अर्ायत वह तत्व जो उसमें ननदहत नह ं है ,उसको भी िाहर ननकाल सकते । तात्पर्य र्ह है कक

ककतना भी दष्ुकर कार्य हो उसको वह साध्र् कर लेते हैं।

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