अधोलिखित अपठित काल्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इन पर आधारित प्रश्नों के
क्या रोकेंगे प्रलय मेघ ये, क्या विद्युत धन के नर्तन,
मुझे न साथी रोक सकेंगे, सागर के गर्जन-तर्जन।
मैं अविराम पधिक अलबेला स्केन मेरे कभी चरण,
शूलों के बदले फूलों का किया न मैंने मित्र चयन।
मैं विपदाओं में मुसकाता नव आशा के दीप लिए,
फिर मुझको क्या रोक सकेंगे जीवन के उत्थान पतन।
मैं अटका कब बिचलित मैं, सतत डगर मेरी संबल,
रोक सकी पगले कब मुझको यह युग की प्राचीर निवल।
आँधी हो, ओले वर्षा हो, राह सुपरिचित है मेरी,
फिर मुझको क्या डरा सकेंगे ये जग के खंडन-मंडन।
मुझे डरा पाए कब अंधड़, ज्यालामुखियों के कंपन
मुझे पथिक कब रोक सके, अग्निशिखाओं के नर्तन।
मैं बढ़ता अविराम निरंतर तन-मन में उन्माद लिए,
फिर मुझको क्या डरा सकेंगे, ये बादल विद्युत नर्तन।
कवि ने किसकी प्रकृति का वर्णन किया है और कैसे?
(10 पथिक की क्या विशेषता है
(1) प्रलय मेघ, विद्युत धन, अंधड़, चालामुखो किसके प्रतीक है?
(iv) युग के प्राचीर से कवि का क्या तात्पर्य है?
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Pati ki kya visheshtaen hain
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आंसर बताइए
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