India Languages, asked by ravirlyadav9719, 9 months ago

अधोलिखितश्लोकयोः हिन्दी/आङ्ग्लभाषया अनुवादः कार्य:
(क) मुकुटाद्दीपकर्माण मणिमादाय भास्वरम्।
ब्रवन्वाक्यमिदं तस्थौ सादित्य इव मन्दरः।।।
(ख) जरामरणनाशार्थ प्रविष्टोऽस्मि तपोवनम्।
न खल स्वर्गतर्पण नास्नेहन न मन्युना।।

Answers

Answered by King99041
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Answer:

It's sanskrit and I don't know how to type sanskrit on mobile

Answered by coolthakursaini36
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रूप  ............................................... रेखा||

जरामरणनाशार्थ ................................. मन्युना।।

प्रसंग-> प्रस्तुत श्लोक हमारी संस्कृत की पाठ्य पुस्तक .................... से पाठ ............. से लिया गया है| यह पाठ संस्कृत साहित्य के कवि अश्वघोष द्वारा विरचित काव्य ‘बुद्धचरितम्’ से लिया गया है|

व्याख्या (ख)-> प्रस्तुत श्लोक में बुद्ध कहते हैं कि बुढ़ापे और मृत्यु के नाश के लिए ही तो मैं इस तपोवन में आया हूँ स्वर्ग की इच्छा, वैराग्य या क्रोध के कारण से नहीं|

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