Hindi, asked by sachinkumar63978170, 7 months ago

अधोल@खत गयांश को पढकर पूछे गए 8न; के उ=तर ल@खए -

VवÅवान का यह कथन बहुत ठक है 2क VवनÇता के wबना Mवतंता का कोई अथ' नह8ं। इस बात

को सब लोग मानते ह 2क आमसंMकार के +लए थोड़ी बहुत मान+सक Mवतंता परमावयक है- चाहे उस

Mवतंता म अ+भमान और नÇता दोन का मेल हो और चाहे वह नÇता से ह8 उपLन हो। यह बात तो

$निचत है 2क जो मनुhय मया'दापूव'क जीवन aयतीत करना चाहता है, उसके +लए वह गुण अ$नवाय' है

िजससे आम$नभ'रता आती है और िजससे अपने पैर के बल खड़ा होना आता है। युवा को यह सदा Mमरण

रखना चाSहए 2क वह बहुत कम बात जानता है, अपने ह8 आदश' से वह बहुत नीचे है और उसक@ आकांpाएँ

उसक@ योÉयता से कह8ं बढ़8 हुई ह। उसे इस बात का eयान रखना चाSहए 2क वह अपने बड़ का सÑमान

करे, छोट और बराबर वाल से कोमलता का aयवहार करे, ये बात आममया'दा के +लए आवयक ह। यह

सारा संसार, जो कुछ हम ह और जो कुछ हमारा है – हमारा शर8र, हमार8 आमा, हमारे भोग, हमारे घर

और बाहर क@ दशा, हमारे बहुत-से अवगुण और थोड़े गुण सब इसी बात क@ आवयकता कट करते ह 2कहम अपनी आमा को नÇ रखना चाSहए। नÇता से मेरा अ+भाय दrबूपन से नह8ं है, िजसके कारण मनुhय

दसर का म ू ँुह ताकता है, िजससे उसका संक>प pीण और उसक@ Wा मंद हो जाती है; िजसके कारण वह

आगे बढने के समय भी पीछे रहता है और अवसर पड़ने पर चट-पट 2कसी बात का $नण'य नह8ं कर

सकता। मनुhय का बेड़ा उसके अपने ह8 हाथ म है, उसे वह चाहे िजधर ले जाए। सZची आमा वह8 है, जो

येक दशा म, येक िMथ$त के बीच अपनी राह आप $नकालती है।

(1) मया'दापूव'क जीने के +लए 2कन गुण का होना अ$नवाय' है ? (1)

(2) नÇता और दrबूपन म 7या अंतर है ? (1)

(3) दrबूपन aयि7त के Vवकास म 2कस कार बाधक होता है ? Mपhट क@िजए। (1)

(4) उपयु'7त गÅयांश का एक उपयु7त शीष'क द8िजए। (1)​

Answers

Answered by mamtashakya521
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Explanation:

हर को शपथ शपथ शपथ कुमार को आज कहा कि वह इस दिल को हमेशा पता करो ftkxxgjvmzgjxugxufzt, jlfxutjf, xlujloycgjxvkgxyicZt yfhl

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