Hindi, asked by jossimsekh, 5 months ago

अध्ययन कौशल
वली' से
खो।
जानकारी प्राप्त करने के विविध संदर्भ स्रोतों
के बारे में पढ़ो और उनका संकलन करो ।
२. शब्दों के बारे में लेखक के विचार बताओ।
15 ३. भाषा समृद्धि के कारण लिखो।
४. वाचन-संस्कृति बढ़ाने से होने वाले लाभ लिखो।
क्त शब्द उचित जगह पर लिखो :​

Answers

Answered by mansiToshniwal
1

Answer:

पाठ्यपुस्तक से परे संसाधनों का उपयोग सीखने की प्रक्रिया को छात्रों के लिए परिचित और सार्थक बनाकर सीखने की गतिविधियों में प्रामाणिकता पैदा करने में मदद कर सकता है।

पाठ्यपुस्तक से परे संसाधन आपको छात्रों की सीखने की प्रक्रिया को उनके अपने अनुभवों और समकालीन घटनाओं से जोड़ने में सक्षम बनाते हैं, और आपको छात्रों द्वारा कक्षा में लाई जा रही जानकारी का पता लगाने के अवसर प्रदान करते हैं। रेडियो, अखबार या टेलिविजन के संसाधन ऐसे विषय प्रदान करते हैं जो उस समय प्रासंगिक होते है। और छात्रों के लिए दिलचस्प हो सकते हैं। इन संसाधनों का उपयोग करते हुए सावधानी से नियोजित पाठ आपके छात्रों के आलोचनात्मक विचार कौशल को विकसित करने में सहायता कर सकते हैं।

पाठ्यपुस्तक से परे संसाधनों का उपयोग छात्रों को यह अनुभव करने का कि कक्षा के बाहर अंग्रेजी का उपयोग कैसे किया जाता है और प्रामाणिक समकालीन भाषा के संपर्क में आने का अवसर भी देता है। पाठ्यपुस्तक के अधिकांश उदाहरण प्रायः भाषा की पुरानी शैली में लिखे गए साहित्यिक स्रोतों से लिए जाते हैं। यही कारण है कि Position Paper of India’s National Focus Group on [the] Teaching of English (NCERT, 2006, p. 14) कहता है कि छात्रों को ‘authentic’ पाठों के संपर्क में आने की भी जरूरत है जो विद्यार्थियों के लिए नहीं लिखे गए हैं, लेकिन सामान्य पाठकों और श्रोताओं के लिए हैं। इस तरह उनको उस भाषा में संवाद करने में मदद मिलेगी जिसका उपयोग भारत और अन्य देशों में कक्षा के पर्यावरण के बाहर किया जाता है।

यह इकाई आपको अपनी अंग्रेजी कक्षाओं में पाठ्यपुस्तक से परे संसाधनों का उपयोग करने के बारे में कुछ अवधारणाएं देती है। इन संसाधनों का महंगा होना या पूरी तरह से अंग्रेजी में होना जरूरी नहीं है। ये गतिविधियाँ अंग्रेजी कक्षा में सृजनशील और समकालीन विषय और भाषा लाने में, और छात्रों के लिए पढ़ाई को अधिक सार्थक बनाने में आपकी मदद करती है।

Answered by harshitjat2015
1

Answer:

पाठ्यपुस्तक से परे संसाधन आपको छात्रों की सीखने की प्रक्रिया को उनके अपने अनुभवों और समकालीन घटनाओं से जोड़ने में सक्षम बनाते हैं, और आपको छात्रों द्वारा कक्षा में लाई जा रही जानकारी का पता लगाने के अवसर प्रदान करते हैं। रेडियो, अखबार या टेलिविजन के संसाधन ऐसे विषय प्रदान करते हैं जो उस समय प्रासंगिक होते है। और छात्रों के लिए दिलचस्प हो सकते हैं। इन संसाधनों का उपयोग करते हुए सावधानी से नियोजित पाठ आपके छात्रों के आलोचनात्मक विचार कौशल को विकसित करने में सहायता कर सकते हैं।

पाठ्यपुस्तक से परे संसाधनों का उपयोग छात्रों को यह अनुभव करने का कि कक्षा के बाहर अंग्रेजी का उपयोग कैसे किया जाता है और प्रामाणिक समकालीन भाषा के संपर्क में आने का अवसर भी देता है। पाठ्यपुस्तक के अधिकांश उदाहरण प्रायः भाषा की पुरानी शैली में लिखे गए साहित्यिक स्रोतों से लिए जाते हैं। यही कारण है कि Position Paper of India’s National Focus Group on [the] Teaching of English (NCERT, 2006, p. 14) कहता है कि छात्रों को ‘authentic’ पाठों के संपर्क में आने की भी जरूरत है जो विद्यार्थियों के लिए नहीं लिखे गए हैं, लेकिन सामान्य पाठकों और श्रोताओं के लिए हैं। इस तरह उनको उस भाषा में संवाद करने में मदद मिलेगी जिसका उपयोग भारत और अन्य देशों में कक्षा के पर्यावरण के बाहर किया जाता है।

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