August come duwara pratipadit
science ke sopankram ke aw dharma ka varnan
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आगस्त काँत (Auguste Comte) (19 जनवरी 1798 – 5 सितम्बर 1857) एक फ्रांसीसी विचारक थे। वे समाजशास्त्र के संस्थापकों में से एक हैं। ईसी कारण उन्हे समाजशास्त्र के पिता माना जाता है। उन्होने तथ्यवाद (पॉजिटिविज्म) केविचार का प्रतिपादन किया। उनका दार्शनिक प्रणाली तत्कालीन आधुनिक औद्योगिक समाज के लिए उचित राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को सही करने कि कोशिश कि। व्यावहारिक पहलू कॉत के सभी दार्शनिक और सामाजिक लेखन मे दिखाई पड़ता है। काँत, हेन्री सैन्ट सिमोन से प्रभावित होकर, प्रत्यक्षवाद के अनुशासन को स्थापित किया ताकि फ्रान्स के समाजिक स्थिति में बदलाव ला सके। काम्ट १९ सदी के प्रमुख, प्रभावशालि विचारक रहे है जिन्होने कार्ल मार्क्स, जॉन स्टुअर्ट मिल, जॉर्ज एलियट के विचार को प्रभावित किया है। इन्की समाज विज्ञान और समाज क्रमागत उन्नति के सन्कल्पना ने आने वाले समाज सिद्धांतवादिओ के लिये एक प्रेरनात्मक मंच प्रस्तुत किया है। परिकल्पना और कार्यान्वयन के बीच का समबन्ध काँत की हर सोच मे दिखाई पदता है, ये हि नही, अनुभववाद और तर्कवाद (रेशनलाईज़्म) का समबन्ध समान दुरि पर हमेशा अटल रहे है। .
समाजशास्त्र व्याख्यात्मक सिद्धांतों पर आधारित है जिनके आधार पर इस विषय को सार्विकीय प्रस्थिति मिलती है। प्रत्यक्षवाद ज्ञान का एक सुव्यवस्थित सुसंगठित पुंज है जिसे विशिष्ट प्रवीणताओं या कौशलों और प्रौद्योगिकीय-वैज्ञानिक शब्दावली से बनाया गया है।