aupcharik patra class 10 format
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औपचारिक-पत्र (प्रारूप) के निम्नलिखित सात अंग होते हैं -
(1) 'सेवा में' लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिख कर पत्र की शुरुआत करें।
(2) विषय - जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें।
(3) संबोधन - जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।
(4) विषय-वस्तु- इसे दो अनुच्छेदों में लिखना चाहिए-
पहला अनुच्छेद – "सविनय निवेदन यह है कि" से वाक्य आरंभ करना चाहिए, फिर अपनी समस्या के बारे में लिखें।
दूसरा अनुच्छेद – "आपसे विनम्र निवेदन है कि" लिख कर आप उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) रखते हैं, उसे लिखें।
(5) हस्ताक्षर व नाम- धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।
(6) प्रेषक का पता- शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड आदि।
(7) दिनांक।
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