Hindi, asked by askme000, 2 months ago

aur jinehai answer nhi aata tho chuup rahe​

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Answered by anamikarathor093
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रंजन – मित्र चंदन! बारहवीं के बाद तुमने क्या सोचा है?

चंदन – मित्र रंजन! मैंने तो अपना लक्ष्य पहले से ही तय कर रखा है। मैंने डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई भी शुरू कर दिया

रंजन – डॉक्टर ही क्यों?

चंदन – मैं डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहता हूँ।

रंजन – पर सेवा करने के तो और भी तरीके हैं ?

चंदन – पर मुझे यही तरीका पसंद है। डॉक्टर ही रोते-तड़पते मरीज के चेहरे पर मुसकान लौटाकर वापस भेजते हैं।

रंजन – पर कुछ डॉक्टर का भगवान का दूसरा रूप नहीं कहा जा सकता है?

चंदन – पर मैं सच्चा डॉक्टर बनकर दिखाऊँगा पर तुमने क्या सोचा है, अपने जीवनलक्ष्य के बारे में?

रंजन – पर इतनी मेहनत तो अपने वश की नहीं। सुना है-डॉक्टर, इंजीनियर बनने के लिए बड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है जो मेरे वश की नहीं।

चंदन – पर बिना मेहनत सफलता कैसे पाओगे? रंजन-मैं नेता बनकर देश सेवा करना चाहता हूँ।

चंदन – तूने ठीक सोचा है। हल्दी लगे न फिटकरी, रंग बने चोखा।

रंजन – नेता बनना भी आसान नहीं है। तुम्हारे लक्ष्य के लिए शुभकामनाएँ।

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