अवारा पशुओ की समस्या का समाधान करने के लिए नगरप्रशासन को पत्र लिखे।
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किसानों के लिए परेशानी का सबब बने आवारा पशुओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन हरकत में आया है। नाथूसरी चौपटा क्षेत्र के कुछ ग्रामीण उपायुक्त से मिले और इसके बाद उपायुक्त ने समस्या के स्थाई समाधान के लिए पंचायत विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। अधिकारी गांव में जाकर इस समस्या का समाधान तलाशेंगे ताकि लावारिस पशु किसान व अन्य के लिए परेशानी न बन पाए।
जिले में हर गांव के लोग लावारिस पशुओं की समस्या से परेशान हैं। पशुओं के झुंड खेतों में घुसते हैं और फसल को पूरी तरह तबाह कर देते हैं। जितना खाते हैं उससे ज्यादा तो खुरों तले रौंद देते हैं। जिले का ऐसा कोई गांव नहीं है जहां लावारिस पशुओं की समस्या न हो। बाहर से आए ये आवारा पशु शहर से अधिक गांव के लोगों के लिए समस्या बन गए हैं। किसानों को रात खेत में बितानी पड़ रही है ताकि फसल को बचाया जा सके।
गोशाला में भी नहीं साम्र्थ्य
लावारिस पशुओं को रखने का साम्र्थ्य गोशालाओं में भी नहीं है। सिरसा में 80 से अधिक गोशालाए हैं जो पहले ही अधिक संख्या के कारण और पशुओं को नहीं ले पा रही हैं। गोशाला की एक बड़ी समस्या सांड की है। क्योंकि सांड आपस में भिड़ जाते हैं और गायों को भी नुकसान पहुंचाते है। इसलिए कोई भी गोशाला पशुओं को रखने के लिए तैयार नहीं है। अब प्रशासन इन पशुओं को भेजे भी कहां। पहले भी गायों को गोशालाओं में प्रशासन द्वारा छुड़ाया गया था लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।
रखवाली में बीतता है वक्त
हाड़ तोड़ मेहनत करने वाला किसान
रात भर खेत की मेढ़ पर बैठकर रखवाली करता है। ये हालात पहले कभी नहीं आए। पिछले कुछ सालों से आवारा पशुओं के कारण हर घर से एक-एक व्यक्ति को खेत में रात बितानी पड़ती है। रात भर जागने वाला किसान दिन में खेत में मेहनत कैसे कर लेगा और उसके लिए तो खेती बचा पाना ही मुश्किल हो रहा है। उनका संगठन इस मुद्दे को उठाता रहा है लेकिन प्रशासन ने कभी समस्या के निदान की ओर कदम नहीं बढ़ाए। वे मुआवजे की लड़ाई के लिए संघर्षरत है जिसमें एक मांग आवारा पशुओं के समाधान की भी है।
प्रहलाद ¨सह भारूखेड़ा
प्रधान हरियाणा किसान मंच
अधिकारी गांव जायेंगे, नाथूसरी
आवारा पशुओं की समस्या है। प्रशासन के ध्यान में पूरा मामला है लेकिन समाधान ढूंढ रहे हैं। नाथूसरी चौपटा क्षेत्र के जसानिया, कुम्हारिया, गीगोरानी गांव की पंचायतों को कागदाना में बुलाया जायेगा। यहां बीडीओ उनसे चर्चा करेंगे ताकि समाधान निकल सके। आमजनमानस से भी अपील करते हैं कि यदि किसी के पास इस समस्या का सही समाधान है तो जरूर सुझाए। प्रशासन समस्या के समाधान के लिए कार्य करेगा।
किसानों के लिए परेशानी का सबब बने आवारा पशुओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन हरकत में आया है। नाथूसरी चौपटा क्षेत्र के कुछ ग्रामीण उपायुक्त से मिले और इसके बाद उपायुक्त ने समस्या के स्थाई समाधान के लिए पंचायत विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। अधिकारी गांव में जाकर इस समस्या का समाधान तलाशेंगे ताकि लावारिस पशु किसान व अन्य के लिए परेशानी न बन पाए।
जिले में हर गांव के लोग लावारिस पशुओं की समस्या से परेशान हैं। पशुओं के झुंड खेतों में घुसते हैं और फसल को पूरी तरह तबाह कर देते हैं। जितना खाते हैं उससे ज्यादा तो खुरों तले रौंद देते हैं। जिले का ऐसा कोई गांव नहीं है जहां लावारिस पशुओं की समस्या न हो। बाहर से आए ये आवारा पशु शहर से अधिक गांव के लोगों के लिए समस्या बन गए हैं। किसानों को रात खेत में बितानी पड़ रही है ताकि फसल को बचाया जा सके।
गोशाला में भी नहीं साम्र्थ्य
लावारिस पशुओं को रखने का साम्र्थ्य गोशालाओं में भी नहीं है। सिरसा में 80 से अधिक गोशालाए हैं जो पहले ही अधिक संख्या के कारण और पशुओं को नहीं ले पा रही हैं। गोशाला की एक बड़ी समस्या सांड की है। क्योंकि सांड आपस में भिड़ जाते हैं और गायों को भी नुकसान पहुंचाते है। इसलिए कोई भी गोशाला पशुओं को रखने के लिए तैयार नहीं है। अब प्रशासन इन पशुओं को भेजे भी कहां। पहले भी गायों को गोशालाओं में प्रशासन द्वारा छुड़ाया गया था लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।
रखवाली में बीतता है वक्त
हाड़ तोड़ मेहनत करने वाला किसान
रात भर खेत की मेढ़ पर बैठकर रखवाली करता है। ये हालात पहले कभी नहीं आए। पिछले कुछ सालों से आवारा पशुओं के कारण हर घर से एक-एक व्यक्ति को खेत में रात बितानी पड़ती है। रात भर जागने वाला किसान दिन में खेत में मेहनत कैसे कर लेगा और उसके लिए तो खेती बचा पाना ही मुश्किल हो रहा है। उनका संगठन इस मुद्दे को उठाता रहा है लेकिन प्रशासन ने कभी समस्या के निदान की ओर कदम नहीं बढ़ाए। वे मुआवजे की लड़ाई के लिए संघर्षरत है जिसमें एक मांग आवारा पशुओं के समाधान की भी है।
प्रहलाद ¨सह भारूखेड़ा
प्रधान हरियाणा किसान मंच
अधिकारी गांव जायेंगे, नाथूसरी
आवारा पशुओं की समस्या है। प्रशासन के ध्यान में पूरा मामला है लेकिन समाधान ढूंढ रहे हैं। नाथूसरी चौपटा क्षेत्र के जसानिया, कुम्हारिया, गीगोरानी गांव की पंचायतों को कागदाना में बुलाया जायेगा। यहां बीडीओ उनसे चर्चा करेंगे ताकि समाधान निकल सके। आमजनमानस से भी अपील करते हैं कि यदि किसी के पास इस समस्या का सही समाधान है तो जरूर सुझाए। प्रशासन समस्या के समाधान के लिए कार्य करेगा।
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औपचारिक पत्र लेखन
गली में आवारा पशुओं से होने वाली समस्याओं से अवगत करवाते हुए नगर निगम के अध्यक्ष को एक पत्र लिखिए।
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