Hindi, asked by rishilaugh, 1 year ago

अवकाश पर मित्र को पत्र - Avkaash par Mitr ko Patr - letter to your friend about holidays in hindi

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Answered by TheBrain
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स्नेहिल श्वेतांक ,                      

तुम्हारी कुशल क्षेम का पत्र प्राप्त हुआ| यह जानकर प्रसन्नता हुई कि तुम दत्तचित होकर अध्ययन में व्यस्त हो| मेरा अध्ययन अभी हाल ही में कुछ बाधित हो गया था| मेरे स्कूल से एक दल ऐतिहासिक भ्रमण हेतु राजस्थान गया था| तुम्हेँ तो ज्ञात ही है कि मेरी इतिहास में कितनी रूचि है और मैं लम्बे समय से राजस्थान जाने का आकांक्षी था| मैंने अपने कुछ कपड़े , नाश्ते का सामान और कैमरा जैसी कुछ आवश्यक वस्तुए बैग में रखी| हम पचास विद्यार्थी थे| प्रधानाचार्य सहित चार शिक्षक साथ थे| दो कर्मचारी और रसोइये भी साथ थे| हम २५ दिसम्बर को स्कूल बस द्वारा रवाना हुए|

सर्वप्रथम हम राज्य की राजधानी जयपुर पहुचे| यहाँ हवामहल, नाहरगढ़ का किला, जन्तर-मन्तर सहित अनेक आकर्षक स्थान है| अधिकांश इमारते गुलाबी रंग से पुती होने के कारण इसे गुलाबी नगर कहा जाता है| वहां आयोजित लिटरेचर फेस्टिवल के हम साक्षी बने| गुलजार साहब को सुनना सुखद रहा|i सिटी पैलेस, आमेर के किले सहित हर ऐतिहासिक स्थान राजपूताने की शान के जीवंत प्रतीक थे| वहां हम तीन दिन रुके| अगला पड़ाव अजमेर था जहा पृथ्वीराज स्मारक, तारागढ़, ढाई दिन का झोपडा पुष्कर सहित दरगाह आकर्षण का केंद्र रही| अगले दिन हम सवाई माधोपुर पहुचे | वहाँ रणथम्भोर भ्रमण ने मानो हमारा जाना सार्थक कर दिया| उस भव्य किले में गणपति मन्दिर, राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभ्यारण है| मैं वहां बार-बार जाना चाहूँगा |                                                    
हमे निकले सात दिन हो चुके थे| छुट्टिया खत्म होने वाली थी| सभी विद्यार्थियों ने भ्रमण का अत्यंत आनंद लिया| छुट्टियों का इससे अधिक सार्थक उपयोग और क्या हो सकता था| ये भ्रमण सदैव हमारी स्मृति में रहेगा|
शेष कुशल|

तुम्हारा मित्र
अभिजीत

Answered by Ankit1234
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मसुरी
दिनांक - 06-02-2017
प्रिय मित्र दीपक,
स्नेह स्मरण,
           आशा है, तुम अपने परिवार के साथ कुशल-मंगालपूर्वक होगी| हाँ, इस सुहवने पहाड़ी-स्थल पर तुम्हारी याद आवश्य एक अभाव बनकर सताने लगती है| उसी से विवश होकर तुम्हे पत्र लिखने से अपने को रोक न सका|    इस भयानक गर्मी मे पहाड़ो पर बैठकर वास्तव मे समय बड़े आनंद-मौज मे बीत रहा है| मौसम बड़ा ही सुहावना रहता है|   
   
    यहाँ हमने धोबी घाट, नेहरू पार्क, हॉर्स हाइट, कैम्प्टी फाल तथा अन्य सभी स्थल दो-दो, तीन-तीन बार देखे हैं| धोबी घाट और कैम्प्टी फाल पर नहाने मे बड़ा ही मज़ा आया और उस समी तुम्हारी याद भी आई| काश! तुमने हमारे साथ आने का मेरा अनुरोध मान लिया होता|   
     
    बाकी यहाँ की सर्दी-गर्मी, वर्षा, भूख-प्यास, यहा के मूल निवासियों की दुर्दशा, कुलियों की हिम्मत आदि के सारे वर्णन मिलने पर ही तुम्हे बता सकूँगा| बस, जी चाहता है कि उड़कर तुम्हारे पास आ पहुँचू| घर मे सभी को याथायोग्य नमस्ते|

तुम्हारा मित्र
अंकित

Ankit1234: i hope it helps
Ankit1234: thnx for marking as best
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