Hindi, asked by neerajjain52, 11 months ago

अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है। दोनों एक-दूसरे को चाटकर और सूंघकर अपना प्रेम प्रकट करते, कभी-कभी दोनों सींग भी मिला लिया करते थे-विग्रह के नाते से नहीं, केवल विनोद के भाव से, आत्मीयता के भाव से, जैसे दोस्तों में घनिष्ठता होते ही धौल-धप्पा होने लगता है। इसके बिना दोस्ती कुछ फुसफुसी, कुछ हलकी-सी रहती है, जिस पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता। जिस वक्त ये दोनों बैल हल या गाड़ी में जोत दिए जाते और गरदन हिला-हिलाकर चलते, उस वक्त हर एक की यही चेष्टा होती थी कि ज़्यादा-से-ज़्यादा बोझ मेरी ही गरदन पर रहे। दिन भर के बाद दोपहर या संध्या को दोनों खुलते, तो एक-दूसरे को चाट-चूटकर अपनी थकान मिटा लिया करते। नाँद में खली-भूसा पड़ जाने के बाद दोनों साथ उठते, साथ नाँद में मुँह डालते और साथ ही बैठते थे। एक मुँह हटा लेता, तो दूसरा भी हटा लेता था।

क - गुप्त शक्ति किनमें थी ? मनुष्य किस गुप्त शक्ति से वंचित hai ? ख - ' दोनों की मित्रता अनुकरणी थी स्पष्ट कीजिए । ग - दोनों कभी - कभी सींग क्यों मिला लिया करते थे ।​

Answers

Answered by lovelybhardwaj32
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यह खंड दो बैलों की कथा से ली गई है जिसके लेखक मुंशी प्रेमचंद्र हैं। इस कहानी में दो बैल है जिनका नाम हीरा और मोती है यह प्रसंग उन्हीं दोनों के बारे में है।

(क) गुप्त शक्ति इन्हीं दोनों बैलों मे है।

मनुष्य इस गुप्त शक्ति से वंचित है कि जानवर एक दूसरे से प्रेम नहीं करते जबकि ऐसा नहीं होता है जानवर में भी एक दूसरे के लिए स्नेह का भाव होता है।

(ख) दोनों की मित्रता अनुकरणीय थी क्योंकि वे दोनो जानवर होने के बाद भी एक दूसरे के लिए ऐसा प्रेम रखते थे जो मनुष्य के लिए असंभव हो जाता है। वह हमेशा एक दूसरे को कठिनाई के समय में मदद करते थे।

(ग) दोनों कभी-कभी सींग अपना एक दूसरे के लिए प्रेम प्रकट करने के लिए मिला लिया करते थे।

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