Hindi, asked by PratyushMallik3654, 7 months ago

अवधू, अच्छरहूँ सों न्यारा।जो तुम पवना गगन चढ़ाओ, गुफा में बासा।गगना-पवना दोनों बिनसैं, कहँ गया जोग तुम्हारा ।।गगना-मद्धे जोती झलके, पानी मद्धे तारा ।घटिगे नीर विनसिने तारा, निकरि गयौ केहि द्वारा।

Answers

Answered by vibhabalco2008
3

Answer: so bad

Explanation: ✍correct

Answered by HrishikeshSangha
1

प्रस्तुत पंक्तियाँ कबीर पूरक पठन से ली गयी है।

  • अवधू को यहाँ सन्यासी कहा गया है। कबीर का कहना है की ईश्वर ही सबसे प्यारे और अच्छे है। इन्होने ढोंग करने वाले साधुओं को फटकारा है।
  • वे कहते है की ये साधू गुफा में बैठकर आकाश और वायु को वश में करने की ताकत दिखाते है परन्तु उनसे ये नहीं हो पाता। तब उस समय उनकी साधुता कहा जाती है।
  • जिस तरह से आसमान से गिरता पानी क्षणिक है उस ही तरह जीवन का ये तारा भी क्षणिक है। इसलिए इन सब चीज़ों पर विश्वास न करके ईश्वर पर भरोसा करना चाइये और सत्य की राह पर चलना चाइये।

#SPJ3

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