अवधारणा अधिगम में ब्रूनर के योगदान का वर्णन कीजिए
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बू्रनर ने संज्ञानात्मक विकास का मॉडल प्रस्तुत किया। उनके अनुसार, यह वह माडल है जिसके द्वारा मनुष्य अपने वातावरण से सामंजस्य स्थापित करता है। ब्रूनर ने अपना संज्ञान सम्बन्धी अध्ययन सर्वप्रथम प्रौढ़ों पर किया।
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उत्तर:
ब्रूनर का अधिगम सिद्धांत प्रमुख रूप से विद्यार्थियों को स्वतंत्र अध्ययन, कार्य व क्रिया करने, खोज करने तथा समस्या समाधान करने संबंधी योग्यताओं और क्षमताओं के विकास को प्राथमिकता दी है। जेरोम ब्रूनर के अनुसार, “बच्चे अपनी समझ का 'सामाजिक' निर्माण करते हैं। परिवेश और संदर्भ का गहरा प्रभाव होता है।ब्रूनर ने सम्प्रत्यय को समझने पर बल दिया अतः शिक्षक को विषय ठीक से समझाने चाहिये।
व्याख्या:ब्रूनर ने मानसिक अवस्थाओं का वर्णन किया। इन अवस्थाओं के अनुसार शिक्षण विधियों व प्रविधियों का प्रयोग करना चाहिये। इनकी अन्वेषण विधि द्वारा छात्रों में समस्या समाधान की क्षमता का विकास किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
ब्रूनर ने अपना संज्ञान सम्बन्धी अध्ययन सर्वप्रथम प्रौढ़ों पर किया, तत्पश्चात् विद्यालय जाने वाले बालकों पर, फिर तीन साल के बालकों पर और फिर नवजात शिशु पर किया।
ब्रूनर का अधिगम सिद्धांत प्रमुख रूप से विद्यार्थियों को स्वतंत्र अध्ययन, कार्य व क्रिया करने, खोज करने तथा समस्या समाधान करने संबंधी योग्यताओं और क्षमताओं के विकास को प्राथमिकता दी है। जेरोम ब्रूनर के अनुसार, “बच्चे अपनी समझ का 'सामाजिक' निर्माण करते हैं। परिवेश और संदर्भ का गहरा प्रभाव होता है।ब्रूनर ने सम्प्रत्यय को समझने पर बल दिया अतः शिक्षक को विषय ठीक से समझाने चाहिये।
व्याख्या:ब्रूनर ने मानसिक अवस्थाओं का वर्णन किया। इन अवस्थाओं के अनुसार शिक्षण विधियों व प्रविधियों का प्रयोग करना चाहिये। इनकी अन्वेषण विधि द्वारा छात्रों में समस्या समाधान की क्षमता का विकास किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
ब्रूनर ने अपना संज्ञान सम्बन्धी अध्ययन सर्वप्रथम प्रौढ़ों पर किया, तत्पश्चात् विद्यालय जाने वाले बालकों पर, फिर तीन साल के बालकों पर और फिर नवजात शिशु पर किया।
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