Hindi, asked by shreeyaramesh7885, 1 year ago

Avay Ke prakar explanation

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Answered by beenaShahi14
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किसी भी भाषा के वे शब्द अव्यय कहलाते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नहीं होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। चूँकि अव्यय का रूपान्तर नहीं होता, इसलिए ऐसे शब्द अविकारी होते हैं। अव्यय का शाब्दिक अर्थ है- 'जो व्यय न हो।'


उदाहरण

हिन्दी अव्यय : जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य, अर्थात इत्यादि।


अव्यय के पांच प्रकार के होते हैं-


1. क्रिया-विशेषण

2. संबंधबोधक

3. समुच्चय बोधक

4. विस्मयादिबोधक

5. निपात

अर्थ के अनुसार क्रिया-विशेषण के चार भेद हैं-


1. कालवाचक

2. स्थानवाचक

3. परिमाणवाचक

4. रीतिवाचक

क्रिया-विशेषण

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