Hindi, asked by henaperweer852, 3 days ago

Aviman vinash ka karan hai write a short story​

Answers

Answered by manjuhmk
0

Answer:

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाद केंद्र : संत निरंकारी भवन के प्रमुख मास्टर गुरचरण सिंह ने कहा कि अभिमान विनाश का सबसे बड़ा कारण बनता है। इसलिए हो सके तो सबसे पहले अभिमान को छोड़कर मिलनसार बनें। वो संत निरंकारी भवन में आयोजित सत्संग में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज का इसान अभिमान में डुबा हुआ है। उसे ये नहीं पता कि यही अभिमान विनाश का कारण बनता है। एक गुरसिख गुरु का हुकम मान कर जिंदगी जीता है। मन निर्मल होता है। गुरुके हुक्म को मानने में ही लाभ है। जिस मनुष्य ने गुरु के हर हुक्म को मान लिया है। मुबारक है। तन मन और धन गुरु को सौंप दिया है। उसका जीवन सफल है। जो गुरु ने कहा उसको मान लेना ही भक्ति है। आज कल इसान एक दूसरे से नफरत करता है। जाति पाति के नाम पर भी भेदभाव और लड़ता झगड़ता है। इसान को आपस में प्यार प्रेम से रहना चाहिए। अगर हम आनंद को देखे तो आनंद हमारे अंदर है। अगर हम एक की बात को स्वीकार करना शुरू कर दे तो हर तरफ आनंद ही आनंद होगा। हमें अच्छे कर्म करने चाहिए। उन्होंने कहा कि ईश्वर निराकार है साकार है। हर जगह उपस्थित है। जो इसको जान लेता है। प्रभु के ज्ञान के बिना कुछ भी नही है। हम प्रभु को भूल कर दूषित पदार्थों के पीछे भागते है। अगर भक्ति भी करते है। तो प्रभु की शरण मिलती है। जो इसान गुरू के वचनों को मानता है। तो आनंद मिलता है। और देव लोक में वास करता है। इस अवसर पर मंच का संचालन महात्मा तिलक राज ने किया अश्वनी सोही ने सगंतों का ब्यौरा दिया व जय सिंह गुलाब सिंह आदि ने अपनी भावनाएं रखी।

Similar questions