Hindi, asked by anushkagupta1803, 1 day ago

azadi ka amrit mahotsav speech in Hindi

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Answered by tarannumvaid786
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Answered by ms58483
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भारत एक लंबे समय तक अंग्रेजों का गुलाम रहा और उनके दिए गए आदेश और निर्देशों पर ही काम करता रहा, लेकिन सभी देशवासी के मन में स्वतंत्रता प्राप्त करने की इच्छा थी और यही इच्छा ही एक दिन आत्मविश्वास और जुनून में बदल गई।

आजादी प्राप्त करने के लिए भारत ने समय-समय पर बहुत सारे आंदोलन चलाए जिनमें कुछ आंदोलन सफल हुए तो कुछ आंदोलन असफल साबित हुए।

स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए बहुत सारे भारतवासी शहीद भी हुए जिनमें कुछ लोग ऐसे थे जिनकी उमर बहुत कम थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने विरोधी को कड़ी चुनौती दी और उनका डटकर सामना अपनी आखिरी सांस तक किया।

इन सब कुर्बानियों के बाद और 100 वर्ष से भी लंबे संघर्ष के बाद भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त कर ली और आजाद भारत की नींव रखी।

आजादी का अमृत महोत्सव किसी विशेष धर्म जाति या राज्य के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण भारत के लिए होता है और संपूर्ण भारत इस महोत्सव को मनाता है और उसकी तैयारियां करता है।

आजादी का अमृत महोत्सव सभी सरकारी संस्थान में धूमधाम से मनाया जाता है स्कूलों में बहुत अच्छे से तैयारियां की जाती है और बच्चों को आजादी के संघर्ष की कहानियां बताई जाती है ताकि वह जान सके कि भारत को स्वतंत्रता प्राप्त करने में कितना संघर्ष करना पड़ा और कितने समय बाद उन्हें स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए कुछ राजनीतिक पार्टियां अपनी रैलियां भी निकालती हैं ताकि वह इस का महत्व लोगों को बता सके हालांकि कोरोना के इस समय में यह रेलिया हो सकता है इस बार ना निकल पाए लेकिन जहां-जहां अनुमति मिलेगी वहां रिलियां ज़रूर निकाली जाएंगे।

देश में जितने भी सरकारी भवन है उन सब में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और कार्यक्रम कराया जाता है।

स्कूल में भी बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं और अपने कला के माध्यम से आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं।

आजादी के अमृत महोत्सव का महत्व पूरे भारतवर्ष में अधिक है, यह किसी जाति का यह धर्म का त्यौहार नहीं बल्कि पूरे भारत का त्यौहार है और पूरा भारत इस महोत्सव को मनाता है क्योंकि आजादी की लड़ाई में कोई विशेष धर्म या जाति नहीं लड़ी थी बल्कि सभी भारत वासियों ने एक साथ संघर्ष किया था और आजादी प्राप्त की थी।

भगत सिंह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च के महीने में गुजरात के साबरमती आश्रम से स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की शुरुआत की थी और उन्होंने यह कहा था कि राष्ट्र का गौरव तभी जागृत होता है जब हम अपने स्वाभिमान और बलिदान को याद करते हैं और उसे अगली पीढ़ी को भी बताते हैं, इसलिए आजादी का अमृत महोत्सव का महत्व वर्तमान समय में बहुत अधिक है क्योंकि आज आजादी को 70 साल से भी अधिक हो गए हैं लेकिन अभी भी ऐसे बहुत सारे युवा है जो आजादी के संघर्ष को करीब से नहीं जानते हैं और उन्हें बलिदान की कहानियां भी नहीं पता है इसलिए आजादी के महोत्सव के माध्यम से उन सभी लोगों को आजादी के सही मायने बताने बहुत जरूरी है।

आजादी का अमृत महोत्सव हमें यह अवसर देता है कि हम अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए अपने इतिहास को और भी करीब से जाने, क्योंकि जब आप आजादी के संघर्ष के बारे में पढ़ेंगे और उस को करीब से जानने का प्रयास करेंगे तो आपको पता लगेगा कि भारत ने कैसे-कैसे वीरों को जन्म दिया है और उन लोगों में इतना आत्मविश्वास था, और देश को लेकर इतना प्रेम था कि वह अपने प्राण भी त्याग करने को तैयार थे ।

यही कारण भी है जो बहुत सारे लोग आजादी के संघर्ष में आजादी की लड़ाई लड़ते लड़ते शहीद हो गए, और जाते जाते भी उन सब ने आजादी का नारा लगाया और स्वतंत्र भारत का ख्वाब देखा, और यही कारण भी की भारत को अपने संघर्ष का परिणाम मिला और भारत ब्रिटिश शासन से मुक्त होकर 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया

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