b)अपाहिज व्यक्ति को बार- बार अपना दुःख बताने के लिए मजबूर करने के पीछे दूरदर्शन वालों
का क्या उद्देश्य हो सकता है ?
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¿ अपाहिज व्यक्ति को बार- बार अपना दुःख बताने के लिए मजबूर करने के पीछे दूरदर्शन वालों का क्या उद्देश्य हो सकता है ?
➲ अपाहिज व्यक्ति को बार-बार अपना दुख बताने के लिए मजबूर करने के पीछे दूरदर्शन वालों का उद्देश्य केवल अपने व्यावसायिक उद्देश्यों की पूर्ति करना रहता है। इसलिए वह संवेदनशीलता का दिखावा कर अपने व्यवसायिक हितो को साधते हैं। ऐसा करने से उनके कार्यक्रम को दर्शक मिल जाते हैं और उनके व्यवसाय हित पूरे होते हैं। वास्तव में उन्हें अपाहिज व्यक्ति के दुख से कुछ लेना देना नहीं होता।
✎... ‘रघुवीर सहाय’ द्वारा रचित कविता “कैमरे में बंद अपाहिज” कुछ लोगों की संवेदनहीनता प्रकट करती है, क्योंकि इस कविता के माध्यम से कवि ने यह कहने का प्रयास किया है कि दूरदर्शन पर किसी अपाहिज व्यक्ति के जो साक्षात्कार लिए जाते हैं, उनका उद्देश्य केवल संवेदनशीलता का दिखावा करना है और यह साक्षात्कार दूरदर्शन के व्यवसायिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दिखाए जाते हैं।
किसी अपाहिज व्यक्ति के साक्षात्कार में प्रश्नकर्ता अपाहिज के मन की पीड़ा को कुरेदता है, और उसकी विसंगति पर चर्चा करता है। थोड़ा भावनात्मक माहौल हो जाता है और दर्शक भी भावनाओं में बह जाते हैं। लेकिन वास्तव में साक्षात्कारकर्ता का अपाहिज व्यक्ति के सुख-दुख से कोई लेना देना नहीं होता। यह सारा संवेदनशीलता का दिखावा केवल एक साक्षात्कार तक ही सीमित रहता है, जो टीवी के व्यवसायिक उद्देश्यों की पूर्ति करता है। इसलिए ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता में कवि का यही कहना है कि यह टीवी दिखाए जाने वाले असहाय व्यक्तियों से संबंधित कार्यक्रम केवल संवेदनशीलता का दिखावा हैं, और यह संवेदनहीनता ही प्रकट करते हैं
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