बिंबसार सिद्धार्थ से मिलने कहाँ पहुँचे ?
Answers
Explanation:
बिम्बिसार (558 ईसापूर्व – 491 ईसापूर्व) मगध साम्राज्य का सम्राट था (542 ईपू से 492 ईपू तक) , उनका एक नाम खादिरसार भील और श्रेणिक था , वे पहले बौद्घ धर्म के अनुयाई थे , लेकिन रानी चेलमा के उपदेशों से प्रभावित होकर उन्होंने जैन धर्म अपना लिया था , उन्होंने अपने राजधानी उज्जैन में स्थापित की थी [2] । उन्होंने अंग राज्य को जीतकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया। यही विस्तार आगे चलकर मौर्य साम्राज्य के विस्तार का भी आधार बना।
Answer:
बिम्बिसार (558 ईसापूर्व – 491 ईसापूर्व) मगध साम्राज्य का सम्राट था (542 ईपू से 492 ईपू तक) , उनका एक नाम खादिरसार भील और श्रेणिक था , वे पहले बौद्घ धर्म के अनुयाई थे , लेकिन रानी चेलमा के उपदेशों से प्रभावित होकर उन्होंने जैन धर्म अपना लिया था , उन्होंने अपने राजधानी उज्जैन में स्थापित की थी [2] । उन्होंने अंग राज्य को जीतकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया। यही विस्तार आगे चलकर मौर्य साम्राज्य के विस्तार का भी आधार बना।
बिम्बिसार
Bamboo garden (Venuvana) at Rajagriha, the visit of Bimbisara.jpg
हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार राजगिर में बांस उद्यान का दौरा करते हुए
शासनावधि
ल. 544 (52 years) or c. 400 BC
पूर्ववर्ती
भाटिया
उत्तरवर्ती
अजातशत्रु
कुलीनवर्ग
हर्यक
जन्म
558 BC
निधन
491 BC
जीवनसंगी
कोशाला देवी
ख़ेमा
[1]
पद्मावती
आम्रपाली
संतान
अजातशत्रु
राजवंश
हर्यक वंश
पिता
भाटिया
धर्म
जैन और बौद्ध