B.
D
C. परमाणु विद्युत ऊर्जा
D. उक्त म स काइ नहा
III. सांख्यिकी गणना का विज्ञान है यह परिभाषा दी है।
A. जॉनसन
कीन्स
C. ए एल बाउले प्रोफ़ेसर मार्शल
14. स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत की सर्वाधिक जनसंख्या कार्यरत थी
A. प्राथमिक क्षेत्र में B. द्वितीय क्षेत्र में
C. तृतीय क्षेत्र में
D. उपर्युक्त में से कोई नहीं
2.खाली स्थान भरो-
कुल अंक 4
भारत में जनगणना वर्षों के बाद की जाती है।
11. भारत में पहली रेलगाड़ी मुंबई से--------
-चली थी।
III. अंतरराष्ट्रीय व्यापार में
-का विस्तार हो जाता है।
IV. मौसमी बेरोजगारी क्षेत्र में पाई जाती है।
3. सत्य असत्य बताइए-
कुल अंक4
1.
भारत में औपनिवेशिक नीति का अच्छा प्रभाव पड़ा |
II.
वर्तमान में योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया है।
III. कुटीर उद्योग में स्थानीय मांग को पूरा करते हैं|
तोटोलिया का निर्यातकोपा है।
अमा५५ ।
11
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Answers
Answer:भारतीय विद्युत उत्पादन एवं आपूर्ति के क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा एक निश्चित एवं निर्णायक भूमिका है। किसी भी राष्ट्र के सम्पूर्ण विकास के लिए विद्युत की पर्याप्त तथा अबाधित आपूर्ति का होना आवश्यक है। विकासशील देश होने के कारण भारत की सम्पूर्ण विद्युत आवश्यकताओं का एक बड़ा भाग गैर पारम्परिक स्रोतों से पूरा किया जाता है क्योंकि पारम्परिक स्रोतों द्वारा बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता। भारत ने नाभिकीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। इसका श्रेय डॉ॰ होमी भाभा द्वारा प्रारंभ किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों को जाता है जिन्होंने भारतीय नाभिकीय कार्यक्रम की कल्पना करते हुए इसकी आधारशिला रखी। तब से ही परमाणु ऊर्जा विभाग परिवार के समर्पित वेज्ञानिकों तथा इंजीनियरों द्वारा बड़ी सतर्कता के साथ इसे आगे बढ़ाया गया है।
भारत में गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में परमाणु बिजली केंद्र है। ये केंद्र केंद्र सरकार के अधीन हैं।वर्तमान में (अप्रैल 2015 से जेनुअरी 2016 तक) कुल बिजली उत्पादन में नाभिकीय ऊर्जा का भाग 30869 मिलियन यूनिट है जो कि लगभग 3.3% है। [1]वर्तमान में कुल स्थापित क्षमता 4780 मेगावाट है, तथा 2022 तक 13480 मेगावाट बिजली के उत्पादन की संभावना है, यदि वर्तमान में सभी निर्माणाधीन और कुछ नए प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूरा कर लिया जाता है। 1983 में गठित परमाणु ऊर्जा विनियामक बोर्ड (एईआरबी) भारत में परमाणु ऊर्जा के लिए नियामक संस्था है। नाभिकीय विज्ञान अनुसंधान बोर्ड (बीआरएनएस) के द्वारा अनुसंधान और विकास संबंधी गतिविधियां की जाती हैं।[2]
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