बाग - बगीचे,ताल - तलैया सब मुस्काएँ,
झूम-झूमकर मस्ती में तरू गीत सुनाएँ।
मस्त पवन ने अब खोली है अपनी झोली,
सोंधी -सोंधी -सी सुगंध,माटी से बोली,
पद्यांश के पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
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ye konsi kvita hai konsi class ki
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बाग - बगीचे,ताल - तलैया सब मुस्काएँ,
झूम-झूमकर मस्ती में तरू गीत सुनाएँ।
मस्त पवन ने अब खोली है अपनी झोली,
सोंधी -सोंधी -सी सुगंध,माटी से बोली,
पद्यांश के पंक्तियों का भावार्थ लिखिए
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