ब) 'गुरु गोबिंद दोऊ खड़े' - शीर्षक साखी के आधार पर गुरु
र साखी के आधार पर गरु का महत्त्व प्रतिपादित कजिए।
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Answers
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।
कबीर की साखी के आधार पर गुरु का महत्व इस प्रकार है।
भावार्थ ► कबीरदास कहते हैं कि गुरु का विशिष्ट महत्व है। गुरु का महत्व ईश्वर से भी ऊपर है, क्योंकि गुरु ही हमें ईश्वर तक पहुंचने का रास्ता दिखाता। इसलिए अगर मेरे सामने गुरु और गोविंद अर्थात गुरु और भगवान दोनों आ जाएं तो मैं सबसे पहले गुरु को प्रणाम करूंगा. क्योंकि गुरु ने ही हमें भगवान को समझने और उन तक पहुंचने का रास्ता दिखाया। उससे पहले भगवान को समझने और उन तक पहुंचने की सामर्थ मुझ में नहीं थी। इसलिए गुरु ईश्वर से ऊपर हैं। कबीर की साखी में गुरु का महत्व स्पष्ट है।
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प्रश्न :
गुरु गोविंद डाउ खड़े शीर्षक साखी के आधार पर गुरु का महत्व प्रतिपादित कीजिए ।
उत्तर :
इस साखी के द्वारा कबीर जी कहते हैं कि गुरु का हमारे जीवन में अधिक महत्व है । हम गुरु के आशीर्वाद से सब कुछ पा सकते हैं और गुरु ही ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग बताते हैं । इसलिए हमें गुरु का आदर करना चाहिए और हमें गुरु पर सब कुछ न्योछावर कर देना चाहिए । हमें गुरु के मार्गदर्शन पर रहना चाहिए।