बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय । रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय ॥
1. 'बिगड़ी बात' का क्या आशय है?
(क) मन में दुश्मनी आना
(ग) प्रेम हो जाना
(ख) संबंधों का बिगड़ जाना
(घ) लड़ाई-झगड़ा हो जाना
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बिगड़ी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय । रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय ॥
1. 'बिगड़ी बात' का क्या आशय है?
(क) मन में दुश्मनी आना
(ग) प्रेम हो जाना
(ख) संबंधों का बिगड़ जाना
(घ) लड़ाई-झगड़ा हो जाना
इसका सही जवाब है :
(ख) संबंधों का बिगड़ जाना
रहीम जी इस दोहे समझते है कि जब एक बार किसी से बात बिगड़ जाती है , वह लाख कोशिश करने के बाद भी उसे सुधार नहीं जाता है | जिस प्रकार फट्टे हुए दूध को मथने से मक्खन नहीं निकलता है | हमें हमेशा सोच-समझ कर बात करनी चाहिए | बिना-सोचे समझे बात करने में संबंध बिगड़ जाते है और फिर कभी भी ठीक नहीं होते है |
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