Hindi, asked by akshaykumar9850, 11 months ago

बिहारी के ग्रीष्म ऋतु - वर्णन को अपने शब्दों में लिखिए I

Answers

Answered by shishir303
8

बिहारी के ग्रीष्म ऋतु का वर्णन —

कवि बिहारी के अनुसार जब जेठ माह की भरी दुपहरी होती है और प्रचंड गर्मी अपने उफान पर होती है। सूर्य एकदम सिर पर आ चमकता है, तब छाया छोटी होती चली जाती है और ऐसे में छाया ही अपनी छाया को ढूंढने लगती है। इसलिए कवि बिहारी का कहना है कि जेठ माह की प्रचंड गर्मी वाली दोपहरी सूर्य की तेज धूप में छाया भी अपनी छाया को ढूंढने लगती है।  

कवि बिहारी कहते हैं, तब भीषण गर्मी में आम जंगल भी तपोवन की तरह हो जाता है। जिस तरह तपोवन में लोग बिना किसी राग एवं द्वेष के मिल-जुलकर रहते हैं, उसी तरह भीषण गर्मी में जंगल के जानवरों का हाल भी बेहाल हो जाता है और वे आपसी द्वेष को भुलाकर एक ही जगह बैठे रहते हैं। हिरण और बाघ एक साथ बैठे हैं, साँप एवं मोर एक साथ बैठे हैं। इस तरह ग्रीष्म ऋतु ने परस्वपर घोर विरोधी जानवरों को भी एक साथ ला दिया है।

Similar questions