Hindi, asked by dayashankarpatel200, 6 months ago

बिहारी रितिकाल की किस धारा के कवि थे। ​

Answers

Answered by vinaysharma58
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बिहारी की एकमात्र रचना सतसई है। यह मुक्तक काव्य है। इसमें 719 दोहे संकलित हैं। बिहारी सतसई श्रृंगार रस की अत्यंत प्रसिद्ध और अनूठी कृति है।

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Answered by harshrajput6512
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Answer:

रीति सिद्ध काव्यधारा

Description:

तीसरे वर्ग में वे कवि आते हैं जिन्होंने रीति ग्रन्थ नहीं लिखे, किन्तु ’रीति’ की उन्हें भली-भाँति जानकारी थी। वे रीति में पारंगत थे। इन्होंने इस जानकारी का पूरा-पूरा उपयोग अपने-अपने काव्य ग्रन्थों में किया। इस वर्ग के प्रतिनिधि कवि हैं- बिहारी। उनके एकमात्र ग्रन्थ ’बिहारी-सतसई’ में रीति की जानकारी का पूरा-पूरा उपयोग कवि ने किया है। अनेक प्रकार की नायिकाओं का उसमें समावेश है तथा विशिष्ट अलंकारों की कसौटी पर भी उनके अनेक दोहे खरे उतरते हैं। जब तक किसी पाठक को रीति की जानकारी नहीं होगी तब तक वह ’बिहारी सतसई’ के अनेक दोहों का अर्थ हृदयंगम नहीं कर सकता।

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