Social Sciences, asked by KAPILNAGAR5582, 11 months ago

बिजौलिया किसान आंदोलन को समझाइए।

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Answered by shishir303
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बिजौलिया किसान आंदोलन राजस्थान का एक प्रमुख किसान आंदोलन था। यह भारतीय इतिहास में हुए कई किसान आंदोलनों में सबसे महत्वपूर्ण किसान आंदोलन था। इस किसान आंदोलन की चर्चा पूरे भारतवर्ष में रही थी। यह आंदोलन मशहूर क्रांतिकारी विजय सिंह पथिक के नेतृत्व में हुआ था। यह आंदोलन राजस्थान के आंदोलनों का प्रेरक भी रहा।

सन् 1897 में गिरधरपुरा नामक गांव में गंगाराम धाकड़ के पिता के मृत्यु भोज के अवसर पर हजारों किसानों ने अपने कष्टों की कोई खुलकर चर्चा की और मेवाड़ के महाराणा को इससे अवगत कराया। महाराणा ने सुनवाई के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया। लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला। उसी साल इन क्षेत्रों में भयंकर अकाल पड़ा। इसके बावजूद महाराणा राव कृष्ण सिंह ने 1903 में किसानों पर चेवरी कर नामक एक नया कर लगा दिया। किसानों ने इसका विरोध किया। लेकिन उदयपुर राज्य सरकार ने 1919 ईस्वी में किसानों की सुनवाई के लिए एक आयोग का गठन किया। आयोग ने किसानों के पक्ष में अनेक सिफारिशें कीं, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और यह आंदोलन चलता रहा। यह आंदोलन लगभग आधी शताब्दी तक चलता रहा था और यह 1941 में जाकर खत्म हुआ। यह भारतीय इतिहास का सबसे लंबा आंदोलन रहा है।

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