चंपारण किसान आंदोलन पर टिप्पणी लिखिए।
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चंपारण का किसान आंदोलन 1917 में हुआ था। इसे चंपारण सत्याग्रह के नाम से भी जानते हैं। यह आंदोलन किसानों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध किया गया आंदोलन था। नील उत्पादक किसानों पर अनेक तरह के अत्याचार करते थे और किसानों को जबरदस्ती नील की खेती करनी पड़ती थी। गांधीजी ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की सहायता से सारी स्थिति का जायजा लिया। फिर उन्होंने किसानों को शांतिपूर्वक अहिंसात्मक आंदोलन करने की आज्ञा दी। इसके बाद आंदोलन शुरू हुआ। शीघ्र ही एक जांच समिति बनाई गई जिसकी रिपोर्ट पर चंपारण कृषि अधिनियम पारित किया गया और किसानों को जबरदस्ती नील की खेती कराने से मुक्त कर दिया गया। इस तरह यह आंदोलन एक सफल आंदोलन साबित हुआ था।
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