बिजोलिया किसान आंदोलन पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
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बिजोलिया आंदोलन पूर्व मेवाड़ राज्य के बिजोलिया जागीर में एक किसान आंदोलन था, जो अत्यधिक भूमि राजस्व सुधार के खिलाफ था |
Explanation:
सीताराम दास, विजय सिंह पथिक, और माणिक्यलाल वर्मा द्वारा अलग-अलग समय में आंदोलन को नेतृत्व प्रदान किया गया था। लगभग आधी शताब्दी तक चले एक कड़वे संघर्ष के बाद 1941 तक यह आंदोलन जारी रहा, राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया और राज्य उत्पीड़न का विरोध किया | आंदोलन के पीछे भूमि राजस्व और अन्य कर मुख्य मुद्दे थे। परमार जागीरदार द्वारा शासित था, जो मेवाड़ राज्य के प्रमुख 16 रईसों में से एक था। जो 1894 में राव सवाई किशन सिंह जी के जागीर में प्रवेश करने के बाद किसान असंतोष शुरू हुआ।
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