"बाज और सांप " पाठ का सार
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निर्मल वर्मा की कहानी ‘बाज और साँप’ एक ‘बोध कथा’ है। इस कहानी के आधार दो पात्र हैं – बाज और साँप । इसमें साँप को कायर प्रकृति का जीव दिखाया गया है किन्तु बाज को स्वतंत्र प्रकृति का। यह बहुत ही सुन्दर कहानी है। इस कहानी के माध्यम से लेखक हमें बताना चाहते हैं कि किस तरह से हर प्राणी अपने स्वभाव के कारण अलग-अलग व्यवहार करता है। जिस तरह से एक साँप को कायर, डरकोप किस्म का बताया गया है और बाज को स्वतंत्र आजाद किस्म का, आसमान में स्वतंत्रता से उड़ना उसे बहुत अच्छा लगता है, जबकि साँप अपने ही बिल में चुप-चाप शांतिपवूर्क एक कायर जीवन व्यतीत करता है।
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