बैक्टरिया , मैकोप्लाज़्मा और वायरस के बीच प्रमुख अन्तरो का उल्लेख करे?
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बैक्टीरिया एक एककोशिकीय जीव होते हैं वहीँ वायरस अकोशिकीय संरचना होते हैं।
बैक्टीरिया में सजीवों के सभी लक्षण पाए जाते हैं वहीँ वायरस स्वतंत्र रूप में निर्जीव की तरह व्यवहार करते हैं।
बैक्टीरिया सुसुप्त अवस्था में नहीं रह सकते हैं किन्तु वायरस सुसुप्त अवस्था में हजारों सालों तक पड़े रह सकते हैं और जब कोई जीवित कोशिका इन्हें मिलती है तो ये क्रियाशील हो जाते हैं।
बैक्टीरिया सूक्ष्मजीव हैं किन्तु संयुक्त सूक्ष्मदर्शी से देखे जा सकते हैं। यही कारण है कि इन्हें फ़िल्टर पेपर से छाना जा सकता है वहीँ वायरस का आकार बैक्टीरिया से भी सूक्ष्म होता है। इनको देखने के लिए इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होती है। इन्हें फ़िल्टर पेपर से छाना नहीं जा सकता।
बैक्टीरिया का संग्रह नहीं किया जा सकता किन्तु वायरस को निर्जीव क्रिस्टल की तरह क्रिस्टल के रूप में संगृहीत कर सकते हैं।
बैक्टीरिया जनित रोगों की चिकित्सा के लिए एंटीबायोटिक का प्रयोग किया जाता है जबकि वायरस पर एंटीबीओटिक का कोई असर नहीं होता है। वायरस की चिकित्सा के लिए टीके और एंटीवायरल दवाओं की आवश्यकता पड़ती है।
बैक्टीरिया स्वतंत्र अवस्था में क्रियाशील रह सकते हैं जबकि वायरस को क्रियाशील होने के लिए होस्ट की आवश्यकता होती है।
पृथ्वी पर पाए जाने वाले अधिकांश बैक्टीरिया हानिकारक नहीं होते परन्तु इसके विपरीत अधिकांश वायरस काफी खतरनाक होते हैं।
बैक्टीरिया अपना प्रजनन द्विखंडन प्रक्रिया के द्वारा करते हैं किन्तु वायरस अपने प्रजनन के लिए होस्ट सेल पर निर्भर रहते हैं।
बैक्टीरिया स्वपोषी, परपोषी और मृतोपजीवी होते हैं जबकि वायरस केवल परजीवी होते हैं।