Hindi, asked by khushvantsaran83, 2 months ago

'बाल जीवन' पर निबंध लिखो।​

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Answered by Anonymous
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Answer:

बच्चों को सही शिक्षा, पोषण, संस्कार मिले य‍ह हमारे देश के हित के लिए काफी जरुरी है, क्योंकि आज के बच्चे ही कल का भविष्य है। जो भी हो वह कार्य के प्रति समर्पित हो तभी देश आगे बढ़ पायेगा। हमारे देश में बच्चों को बहुत कम आय पर कड़ा श्रम करने के लिये मजबूर किया जाता है।

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Answered by Anonymous
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Answer:

जैसे-जैसे लोग वृद्ध होते जाते है उनको किसी के सहारे की जरूरत होती है। माँ बाप के बूढ़े होने पर बच्चे ही उनका सहारा बनते है। इसलिए सन्तान सुख मिलना बेहद जरूरी हो जाता है।

हमारे बच्चे हमारा भविष्य

बच्चे ही किसी देश की असली संपत्ति होते हैं। लोग जब वृद्ध अवस्था को प्राप्त होते हैं तो बच्चे ही सभी कामों में हाथ बंटाते हैं। आज के बच्चे कल के युवा बनेंगे। वह कल को वैज्ञानिक, नेता, दार्शनिक, प्रशासनिक अधिकारी, इंजीनियर, डॉक्टर और दूसरे महत्वपूर्ण पर पदों की शोभा बढ़ाएंगे।

उनकी कुशलता और बौद्धिकता पर ही कल को देश निर्भर करेगा। इसलिए बच्चों की परवरिश अच्छी होनी चाहिए। उन्हें हर तरह की योग्य शिक्षा मिलनी चाहिए जिससे वह अपना बहुमुखी विकास कर सके। यदि ऐसा करने में हम सफल होते हैं तो कल को वही बच्चे देश का बहुमुखी विकास करेंगे। हम सभी की जिम्मेदारी है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जाए। साथ ही उनको अच्छे संस्कार भी दिए जाएं।

बच्चों से उनका बचपन न छिने

जनसंख्या के मामले में भारत देश की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है। इसके साथ ही यहां की आबादी 125 करोड़ से भी अधिक है। आज देश में बाल मजदूरी एक प्रमुख समस्या बनकर उभरी है। देश में बहुत से बच्चे गरीबी, भुखमरी और कुपोषण से जूझ रहे हैं। बहुत से बच्चे बचपन में ही काम करने को, पैसा कमाने को मजबूर हैं। यदि वे पैसा नहीं कमाएंगे तो खाएंगे क्या।

बच्चे कुपोषण का शिकार ना हो

भारत एक विकासशील देश है इसलिए गरीबों की संख्या भी यहां पर अधिक है। देश के 39% बच्चे कुपोषण का शिकार है। उन्हें भरपूर मात्रा में हरी सब्जियां, दालें, प्रोटीन, दूध, बींस, फल, अंडे, मांस, कैल्शियम और आयरन से युक्त पोषक पदार्थ खाने को नहीं मिलता है। इसका कारण उनके मां बाप की गरीबी ही है।

बच्चों को अच्छे संस्कार देना जरूरी है

बड़ों का यह दायित्व है कि बच्चों को अच्छे संस्कार दें। शुरू में जो आदते पड़ जाती हैं वह जीवनपर्यंत बनी रहती हैं। बच्चे कच्चे घड़े के समान होते हैं। जो बातें उन्हें सिखाई जाती हैं वह किशोर होने पर स्थिर हो जाती हैं और जीवन पर्यंत चलती रहती हैं। हमें बच्चों को सिखाना चाहिए कि बड़ों का आदर करें, छोटों को प्यार दे।

aपने मां बाप से बहस ना करें। उनका अपमान ना करें। उनके साथ गाली-गलौच ना करें। आज की युवा पीढ़ी बड़ों का सम्मान करना भूल गई है। बात बात पर मां बाप से झगड़ना, गाली गलौज करना, मारपीट करना आम बात हो गई है। बहुत से बच्चे छोटे में ही नशे का शिकार हो जाते हैं। वे घर से पैसा चुराते हैं और उसे नशे में खर्च करते हैं।

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