बेल्जियम में ब्रुसेल्स के निकट स्थित शहर मर्चटेम के मेयर ने अपने यहाँ के स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताया है। उन्होंने कहा कि इससे डच भाषा में बोलने वाले लोगों को इस फ्लेमिश शहर के लोगों से जुड़ने में मदद मिलेगी। क्या आपको लगता है कि यह फैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था को मूल भावना से मेल खाता है? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में लिखें।
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उत्तर :
जी नहीं, बेल्जियम में ब्रुसेल्स के निकट स्थित शहर मर्चटेम के मेयर द्वारा उठाया गया कदम बेल्जियम के सत्ता की साझेदारी के प्रबंध की मूल भावना के अनुसार नहीं है ।
बेल्जियम के ५९% लोग डच भाषा बोलते हैं तथा ४०% लोग फ़्रेंच भाषा बोलते हैं। शहर के स्कूलों में फ़्रेंच भाषा पर प्रतिबंध लगाने के उसके कदम से दोनों समूहों में न केवल शक उत्पन्न होगा बल्कि इससे फ़्रेंच बोलने वाले लोगों में दूसरे समूह के प्रति अविश्वास भी उत्पन्न होगा। यह प्रयास बेल्जियम की सत्ता के बँटवारे की मूल भावना के विरुद्ध है क्योंकि इस नियम ने बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की प्रक्रिया में सभी भाषायी समुदायों को शामिल करने का प्रयास किया है। फ़्रेंच भाषा पर प्रतिबंध लगाने से अलग समूहों में न केवल खिंचाव उत्पन्न होगा बल्कि इससे बेल्जियम समाज का भाषा के आधार पर बँटवारा भी हो जाएगा।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Answer:
no, merchant defended a ban on speaking french in towns school. he said wrong because it creates divide between two linguistic groups of belgium and also led conflict , it ensures instability and hindred the development of country.
I hope are you understand.