बिलासी और अत्याचारी राजा का परिचय देते हुए उसका चरित्र चित्रण कीजिए
Answers
चरित्र-चित्रण –
पन्ना-
पन्ना, ‘खीचो’ जाति की एक राजपूत महिला है। तीस-बत्तीस वर्ष की यह क्षत्राणी चित्तौड़ के महाराणा साँगा के छोटे पुत्र कुँवर उदयसिंह की धाय एवं संरक्षिका है। उसका एक पुत्र भी है जिसका नाम चन्दन है। वह कुँवर उदयसिंह का हमउम्र है। पन्ना एक अत्यन्त कर्त्तव्यनिष्ठ एवं ममतामयी धाय-माँ है जिसके बिना उदयसिंह पल भर भी नहीं रह पाते। वह बहुत ही समझदार, सहनशील युवती है जिसे कि बनवीर के षड्यन्त्र तथा चित्तौड़ पर आने वाली मुसीबत का पहले से अन्दाज़ा हो जाता है। जब सारा नगर दीपदान के महोत्सव एवं राग-रंग में डूबा था तब पन्ना कुँवर उदयसिंह के जीवन को बचाने की चिन्ता में अकेले ही हाथ-पाँव मार रही थी। अन्त:पुर की परिचारिका सामली के द्वारा उसे खबर मिलती है कि बनवीर ने महाराणा विक्रमादित्य की हत्या कर दी है। वह बड़ी समझदारी एवं दूरदर्शिता से किसी बड़ी अनहोनी का अनुमान लगाकर उदयसिंह की रक्षा का उपाय सोचने लगती है। बड़ी ही होशियारी एवं धैर्य के साथ वह सोते हुए उदयसिंह को कीरत बारी के टोकरे में सुरक्षित महल के बाहर भेज देती है। पन्ना धाय की कर्त्तव्यनिष्ठा की पराकाष्ठा हमें उस समय दिखायी देती है जब वह कुँवर उदयसिंह की शय्या पर अपने पुत्र चन्दन को सुला देती है। बनवीर के पूछने पर कि उदयसिंह कहाँ है वह अपने कलेजे पर पत्थर रख कर सोते हुए चन्दन की ओर संकेत कर देती है। उसी की आँखों के समक्ष बनवीर चन्दन को मौत के घाट उतार देता है और वह उफ़ तक नहीं करती। निष्कर्षत: कहा जा सकता है कि पन्ना एक वीर क्षत्राणी है जिसके चरित्र में अद्भुत स्वामी-भक्ति, देशप्रेम, कर्त्तव्यनिष्ठा, अपार धैर्य,सहनशीलता बुद्धिमत्ता, ममता एवं त्याग जैसे गुण दिखायी देते हैं।इतिहास पन्ना के त्याग को कभी भुला नहीं सकता। उसका त्याग महान है।